BCCI का बड़ा फैसला: अब भारतीय खिलाड़ी नहीं छुपा सकेंगे अपनी असली उम्र, रोक लगेगी
BCCI का बड़ा फैसला: अब भारतीय खिलाड़ी नहीं छुपा सकेंगे अपनी असली उम्र, रोक लगेगी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों की उम्र से जुड़ी धोखाधड़ी रोकने के लिए अपनी मुहिम तेज कर दी है। इसके तहत BCCI अब एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त करेगा, जो खिलाड़ियों के दस्तावेजों और योग्यता की सही जांच करेगी।
बोर्ड ने जारी किया प्रस्ताव (RPF):
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI ने इस काम के लिए RPF (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी किया है। इसमें देश की बड़ी और अनुभवी कंपनियों को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
BCCI की दो-स्तरीय जांच प्रणाली
BCCI पहले से ही दो स्तर की जांच प्रणाली अपनाता है:
- दस्तावेजों और जन्म प्रमाण पत्र की जांच
- TW3 टेस्ट (हड्डियों की उम्र जांचने वाला टेस्ट) – ये ज़्यादातर अंडर-16 लड़कों और अंडर-15 लड़कियों पर किया जाता है।
अगस्त के अंत तक शुरू हो सकती है नई एजेंसी
उम्मीद है कि यह नई एजेंसी अगस्त के अंत तक काम शुरू कर देगी। इस कदम का कारण पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन यह उन मामलों के बाद लिया गया है, जहां जाली या संदेहास्पद दस्तावेज़ जमा किए गए थे।
BCCI का मकसद है कि बड़े उम्र वाले खिलाड़ी गलत तरीके से जूनियर स्तर पर न खेल पाएं। इसलिए अब जांच और भी सख्त की जा रही है।
एजेंसी के लिए जरूरी योग्यताएं
- कम से कम 3 साल का वेरिफिकेशन का अनुभव
- भारत के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में डिजिटल और फिजिकल वेरिफिकेशन की क्षमता
- आधार, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, निवास प्रमाण और अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच की सुविधा
जरूरत पड़ने पर ग्रामीण इलाकों में जाकर फील्ड वेरिफिकेशन करने की क्षमता
उम्र छुपाने पर होगी सख्त कार्रवाई
BCCI ने साफ किया है कि अगर कोई खिलाड़ी उम्र छुपाने या गलत जानकारी देने का दोषी पाया गया, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले कुछ सालों में कई खिलाड़ियों पर उम्र में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। हाल ही में वैभव सूर्यवंशी को लेकर भी ऐसी बातें सामने आई थीं, लेकिन जांच में वो आरोप गलत निकले।