मुर्शिदाबाद हिंसा पर हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर गंभीर सवाल

Updated on 2025-05-23T14:36:00+05:30

मुर्शिदाबाद हिंसा पर हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर गंभीर सवाल

मुर्शिदाबाद हिंसा पर हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर गंभीर सवाल

कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने मुर्शिदाबाद में वक्फ एक्ट के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर अपनी रिपोर्ट अदालत में सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 अप्रैल को “मुख्य हमला” हुआ और इस दौरान “स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय और गायब” रही।

जांच पैनल ने यह भी आरोप लगाया कि धूलियान कस्बे में हुई हिंसा को अंजाम देने में एक स्थानीय पार्षद की अहम भूमिका रही। यह हिंसा उस समय हुई जब राज्य में वक्फ अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे।

हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल को उन लोगों की पहचान और पुनर्वास के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था, जो इस हिंसा के चलते विस्थापित हुए हैं। इसी दौरान शमशेरगंज के जाफराबाद इलाके में हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनके शरीर पर कई बार चाकू से वार किए गए थे।

जांच समिति में एनएचआरसी के लॉ रजिस्ट्रार जोगिंदर सिंह, डब्ल्यूबीएलएसए के सदस्य सचिव सत्य अर्नब घोषाल और डब्ल्यूबीजेएस के रजिस्ट्रार सौगत चक्रवर्ती शामिल थे।

इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने भी हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें 8 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच मुर्शिदाबाद में वक्फ एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान भारी हिंसा की बात स्वीकार की गई थी।

अब हाईकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच और राहत कार्यों की निगरानी जारी है।