क्या युद्ध से जुड़ी खबरें और वीडियो देखने से दिमागी तनाव और डर बढ़ सकता है? जान लीजिए ये कितना खतरनाक

Updated on 2025-05-09T15:36:11+05:30

क्या युद्ध से जुड़ी खबरें और वीडियो देखने से दिमागी तनाव और डर बढ़ सकता है? जान लीजिए ये कितना खतरनाक

क्या युद्ध से जुड़ी खबरें और वीडियो देखने से दिमागी तनाव और डर बढ़ सकता है? जान लीजिए ये कितना खतरनाक

Impact of War Videos on Mental Health: आप अपने मोबाइल पर स्क्रॉल कर रहे हैं और अचानक एक वीडियो आता है जिसमें गोलियों की आवाज, बम धमाके और घायल लोग दिखते हैं। कुछ पल के लिए आप डर जाते हैं, फिर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन कुछ सेकंड्स में आपकी मानसिक सेहत पर कितना असर हो सकता है? आजकल, युद्ध से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो इतनी आसानी से मिल जाती हैं कि हम बिना समझे इनका मानसिक बोझ ढोने लगते हैं।

ज्यादा युद्ध से जुड़े वीडियो देखने से एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। युद्ध के दृश्य दिमाग के उस हिस्से को सक्रिय करते हैं जो खतरे और डर को पहचानता है, जिससे तनाव बढ़ता है और यह मानसिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।

हम इंसान नकारात्मक चीजों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं, जिससे हिंसा और युद्ध के वीडियो हमें डराते हुए भी हमारी जिज्ञासा को बढ़ाते हैं। इस आदत से धीरे-धीरे मानसिक सेहत बिगड़ने लगती है।

युवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है, क्योंकि वे सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। पढ़ाई और करियर के दबाव के बीच जब वे हिंसा के वीडियो देखते हैं, तो उनकी चिंता और नींद की समस्या बढ़ सकती है।

कैसे बचें?

  1. सोशल मीडिया पर समय सीमित रखें।
  2. ऐसे वीडियो और लेख देखें जो मानसिक शांति दें।
  3. ध्यान, योग और हल्की एक्सरसाइज से दिमाग को शांत रखें।
  4. अगर असर ज्यादा महसूस हो, तो डॉक्टर से मदद लें।

युद्ध केवल जंग में नहीं, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। इसलिए, अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इस डिजिटल युद्ध से बचें।