मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर विवाद: कुणाल कामरा के खिलाफ FIR और उनके पुराने घर पर छापा

Updated on 2025-04-01T11:47:28+05:30

मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर विवाद: कुणाल कामरा के खिलाफ FIR और उनके पुराने घर पर छापा

मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर विवाद: कुणाल कामरा के खिलाफ FIR और उनके पुराने घर पर छापा

कॉमेडियन कुणाल कामरा को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में उनके जोक्स पर सवाल पूछने के लिए मुंबई पुलिस ने हाल ही में उनके पुराने घर पर छापा मारा। कामरा ने इसे समय और सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी बताया, क्योंकि वह पिछले एक दशक से उस स्थान पर नहीं रह रहे हैं।

पुराने पते पर पुलिस की छानबीन

कामरा, जो अब तमिलनाडु में रह रहे हैं, को 31 मार्च को मुंबई के खर पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जब वह नहीं पहुंचे, तो पुलिस ने उनके पुराने मुंबई घर पर जाकर पूछताछ की। कामरा ने इस कदम पर सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह पुलिस की नाकामी को दर्शाता है।

आलोचना और कानूनी मामला

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कामरा ने 23 मार्च को एक वीडियो जारी किया, जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का मजाक उड़ाने के लिए एक पैरोडी गीत पेश किया था। इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की, और बीएमसी ने हैबिटेट स्टूडियो का आंशिक ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया। इस वीडियो के चलते कामरा के खिलाफ 24 मार्च को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके अतिरिक्त, कामरा पर खार पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं, जिनमें विभिन्न व्यक्तियों की शिकायतें शामिल हैं, जिनमें जलगांव के मेयर और नासिक के दो व्यापारी भी शामिल हैं।

कामरा का बयान और स्वतंत्रता की रक्षा

कामरा ने कहा कि वह पुलिस जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि उनके जोक्स कानूनन व्यंग्य का हिस्सा हैं, और सार्वजनिक हस्तियों का मजाक उड़ाना स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार है।

कानूनी राहत

कानूनी तौर पर, मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत दी, जो 7 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी। यह आदेश तब आया जब कामरा ने अपने विवादास्पद शो के बाद मिली धमकियों के कारण ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की थी। उनके वकील का कहना था कि उनका शो स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत आता है।

यह मामला एक बार फिर स्वतंत्र अभिव्यक्ति और व्यंग्य के सीमा को लेकर चर्चा में है। जहां कामरा अपने जोक्स को वैध अभिव्यक्ति के रूप में बचा रहे हैं, वहीं पुलिस और सरकार के कदम दर्शाते हैं कि सार्वजनिक व्यक्ति पर टिप्पणियां करने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।