पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी की मांग, राजनाथ सिंह ने जताई चिंता
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी की मांग, राजनाथ सिंह ने जताई चिंता
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से इन हथियारों की निगरानी की मांग की है। उनका यह बयान हालिया सैन्य संघर्ष और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आया है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी।
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को "दुष्ट राष्ट्र" करार देते हुए कहा कि ऐसे देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुद्दों पर ही होगी।
पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के इस बयान को "गैर-जिम्मेदाराना" और "अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी की भूमिका की अज्ञानता" बताया है। इस्लामाबाद ने अपने परमाणु कार्यक्रम की संप्रभुता और सुरक्षा पर जोर देते हुए भारत के आरोपों को खारिज किया है।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पाकिस्तान को "दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक" बताया था, जहां "परमाणु हथियार बिना किसी समन्वय के हैं"।
विशेषज्ञों के अनुसार, IAEA को किसी देश के परमाणु हथियारों की निगरानी के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी आवश्यक होती है, जो एक जटिल प्रक्रिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है। राजनाथ सिंह की यह मांग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।