ध्रुव राठी ने सिख गुरुओं के एआई चित्रण पर विवाद के बाद वीडियो हटाया

Updated on 2025-05-20T14:26:22+05:30

ध्रुव राठी ने सिख गुरुओं के एआई चित्रण पर विवाद के बाद वीडियो हटाया

ध्रुव राठी ने सिख गुरुओं के एआई चित्रण पर विवाद के बाद वीडियो हटाया

 

मई 2025 में, ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर "द सिख वॉरियर हू टेरिफाइड द मुग़ल्स" शीर्षक से एक वीडियो प्रकाशित किया, जिसमें सिख गुरुओं और उनके परिवार के सदस्यों के एआई-निर्मित चित्रण शामिल थे।  इस वीडियो में गुरु गोबिंद सिंह और उनके चार पुत्रों, जिन्हें 'साहिबज़ादे' कहा जाता है, के एआई-निर्मित चित्रण दिखाए गए थे।  इस प्रस्तुति को सिख धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ माना गया, क्योंकि सिख परंपरा में गुरुओं के किसी भी रूप में चित्रण की मनाही है।

इस वीडियो के प्रकाशन के बाद, अकाल तख्त, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) सहित कई सिख धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया।  अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने कहा कि इस वीडियो ने सिख भावनाओं को आहत किया है और धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन किया है।  उन्होंने सामग्री को तुरंत हटाने और भविष्य में धार्मिक विषयों के प्रति सम्मान दिखाने की अपील की।

पंजाब बीजेपी के प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियावाल ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को एक औपचारिक शिकायत भेजी, जिसमें उन्होंने आईटी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की और राठी के सोशल मीडिया खातों को जांच पूरी होने तक निलंबित करने का अनुरोध किया।  उन्होंने कहा कि इस वीडियो ने सिखों की भावनाओं को गहराई से आहत किया है और यह इतिहास को विकृत करता है।dhruv rathee statement on Sikh Gurus AI Video Controversy | सिख गुरुओं पर  AI वीडियो के विवाद के बाद ध्रुव राठी की सफाई, 'आपमें से बहुत लागों ने...'

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस वीडियो की आलोचना की और इसे सिख धार्मिक सिद्धांतों का उल्लंघन बताया।  उन्होंने डिजिटल सामग्री निर्माताओं से धार्मिक विषयों के प्रति सम्मान और सटीकता बरतने की अपील की।

इस व्यापक विरोध के बाद, ध्रुव राठी ने वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल से हटा दिया।  हालांकि, उन्होंने इस विवाद पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।

यह घटना डिजिटल युग में धार्मिक संवेदनशीलता और तकनीकी नवाचार के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है।  सामग्री निर्माताओं को चाहिए कि वे धार्मिक विषयों पर सामग्री प्रस्तुत करते समय संबंधित समुदायों की मान्यताओं और परंपराओं का सम्मान करें।