गया का नाम अब 'गया जी': नीतीश सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला

Updated on 2025-05-17T16:35:42+05:30

गया का नाम अब 'गया जी': नीतीश सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला

गया का नाम अब 'गया जी': नीतीश सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला

शुक्रवार, 16 मई 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।  राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बताया कि यह कदम स्थानीय जनता की भावनाओं और गया की ऐतिहासिक-धार्मिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

गया, जिसे अब 'गया जी' के नाम से जाना जाएगा, हिंदू और बौद्ध धर्मों में एक प्रमुख तीर्थस्थल है।  यहां का विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी और पिंडदान की परंपरा इसे मोक्ष की भूमि के रूप में प्रतिष्ठित करते हैं।

 इससे पहले, सितंबर 2022 में फल्गु नदी पर बने देश के सबसे बड़े रबर डैम का नाम भी 'गया जी डैम' रखा गया था, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था।  इस डैम के निर्माण से वर्ष भर नदी में जल उपलब्ध रहता है, जिससे पिंडदान और तर्पण जैसे धार्मिक अनुष्ठानों में सहूलियत होती है।

 गया का नाम 'गया जी' रखने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है।  कहा जाता है कि त्रेता युग में गयासुर नामक एक राक्षस ने भगवान विष्णु की घोर तपस्या की।  भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि उसके शरीर में वास करेंगे, जिससे जो भी उसे देखेगा, उसके पाप नष्ट हो जाएंगे।  बाद में, ब्रह्मा जी ने गयासुर के शरीर पर यज्ञ किया, जिससे यह भूमि अत्यंत पुण्यकारी मानी जाने लगी।

 गया का नाम बदलने की मांग लंबे समय से स्थानीय पंडा समाज और श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही थी।  अब, सरकार के इस निर्णय से गया की धार्मिक पहचान को और अधिक सशक्त किया गया है।