GST 2.0: भारत में टैरिफ कम होने से अर्थव्यवस्था तेज़ी पकड़ेगी, विकास और प्रगति की राह आसान होगी

Updated on 2025-09-05T10:28:33+05:30

GST 2.0: भारत में टैरिफ कम होने से अर्थव्यवस्था तेज़ी पकड़ेगी, विकास और प्रगति की राह आसान होगी

GST 2.0: भारत में टैरिफ कम होने से अर्थव्यवस्था तेज़ी पकड़ेगी, विकास और प्रगति की राह आसान होगी

GST 2.0: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक 3-4 सितंबर को हुई, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़े बदलावों का ऐलान किया। अब 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब खत्म कर सिर्फ 5% और 18% स्लैब रखे गए हैं। रोजमर्रा के सामान पर राहत दी गई है, जबकि कुछ चीजों पर 40% जीएसटी लगाने का फैसला हुआ है। नई दरें 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।

हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा ने कहा कि ये सुधार देश में मांग और खपत बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे और अमेरिका के टैरिफ के असर को कम करेंगे। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी कहा कि ऐसे सुधार ही उपभोग और निवेश को तेज करने का सुरक्षित तरीका हैं और इससे दुनिया में भारत की आवाज और मजबूत होगी।

FICCI के प्रेसिडेंट हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि टैक्स दरों को सरल बनाने से विकास और महंगाई नियंत्रण में मदद मिलेगी। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दूध, दवाइयां और घरेलू सामान जैसी जरूरी चीजों को सीधा फायदा मिलेगा।

फ्लिपकार्ट के रजनीश कुमार का मानना है कि त्योहारों से पहले यह सुधार बाजार में तेजी लाएंगे। मार्स रिगली इंडिया के अहमद अब्देल वहाब ने कहा कि इससे FMCG इंडस्ट्री को नवाचार का मौका मिलेगा और छोटे-बड़े दुकानदारों को मदद होगी।

मुथूट माइक्रोफिन की सीईओ सदाफ सईद ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती और जीएसटी सुधार मिलकर खपत बढ़ाएंगे और इससे विकास को और गति मिलेगी।