धोखाधड़ी मामले में दृश्यम 2 के निर्माता को राहत देने से हाईकोर्ट का इनकार
धोखाधड़ी मामले में दृश्यम 2 के निर्माता को राहत देने से हाईकोर्ट का इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने ब्लॉकबस्टर फिल्म दृश्यम 2 के निर्माता कुमार मंगत पाठक को एक नए उभरते वित्तीय धोखाधड़ी मामले में कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने फिल्म के चीनी भाषा वितरण अधिकारों—जिसमें चीन, हांगकांग और ताइवान जैसे बाजार शामिल हैं—से जुड़े कथित कदाचार के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से भी मना कर दिया। यह एफआईआर जून 2025 में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज की गई थी, जिसमें पाठक और अन्य पर साजिश, दस्तावेजों की जालसाजी और गलत बयानी के आरोप लगाए गए हैं।
पाठक ने दलील दी थी कि यह मामला पूरी तरह व्यावसायिक विवाद है, जिसे अपराध के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। हालांकि, जस्टिस नीना कृष्णा बंसल ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और इस समय कार्यवाही पर रोक या उसे रद्द करने का कोई ठोस कारण नहीं है।
शिकायतकर्ता, जो दिल्ली के एक कारोबारी हैं, का दावा है कि उन्हें दिखने में असली लगने वाले दस्तावेजों के आधार पर 4.3 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए गुमराह किया गया, बदले में दृश्यम 2 के विशेष विदेशी अधिकार देने का वादा किया गया। यह सौदा कथित तौर पर भारत सेवक द्वारा किया गया, जो पैनोरमा स्टूडियोज़ की ओर से काम कर रहे थे। हालांकि, स्टूडियो ने किसी भी तरह की रकम मिलने से इनकार किया है और संकेत दिया है कि यह रकम पूरी तरह किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दी गई हो सकती है।
दरअसल, निर्माता को कोई राहत न देने का अदालत का फैसला इस मामले में गंभीर आरोपों और कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की अहमियत को दर्शाता है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह हाई-प्रोफाइल विवाद कानूनी हलकों के केंद्र में रहेगा और हर नए घटनाक्रम पर करीबी नजर रखी जाएगी।