Health risks of sugar: दही से ब्रेड तक, रोजमर्रा के खाने में छिपी ज्यादा शुगर
Health risks of sugar: दही से ब्रेड तक, रोजमर्रा के खाने में छिपी ज्यादा शुगर
Effects of excess sugar: आज की लाइफस्टाइल में हमें इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि हम रोज कितना शुगर खा रहे हैं. कई बार हमें पता भी नहीं चलता और हम जरूरत से ज्यादा शुगर ले लेते हैं, जो धीरे-धीरे हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाती है. ज्यादा चीनी खाने से टाइप 2 डायबिटीज़, दिल की बीमारियों और कुछ तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. पिछले कुछ सालों में लोगों की डाइट बहुत बदली है. मीठी और प्रोसेस्ड चीज़ें ज्यादा खाने से मोटापा और डायबिटीज तेजी से बढ़ी है.
द लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक आधे से ज्यादा वयस्क और करीब एक तिहाई बच्चे मोटापे से जूझ सकते हैं. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, अभी दुनिया में लगभग 58.9 करोड़ लोग डायबिटीज के मरीज हैं. सिर्फ दक्षिण-पूर्व एशिया में ही 10.7 करोड़ मरीज हैं, और अनुमान है कि 2050 तक यह संख्या 18.5 करोड़ तक पहुंच सकती है. इसलिए अभी से डाइट और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना जरूरी है.
शुगर कैसे पहचानें?
सबसे आसान तरीका है खाने की चीजों का न्यूट्रिशन लेबल पढ़ना. शुगर हमेशा "sugar" नाम से नहीं लिखी होती. कई बार इसे ग्लूकोज, हाई-फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज या माल्ट एक्सट्रैक्ट जैसे नामों में छिपाया जाता है.
किन चीजों में ज्यादा शुगर होती है?
1. ब्रेकफास्ट सीरियल्स – हेल्दी दिखते हैं, लेकिन इनमें ऊपर से डाली शुगर काफी होती है।
2. सॉस और ड्रेसिंग्स – केचप, चिली सॉस में स्वाद बैलेंस करने के लिए खूब चीनी मिलती है।
3. प्रोटीन/ग्रेनोला बार्स – हेल्दी स्नैक के नाम पर बेचे जाते हैं, लेकिन इनमें सिरप और स्वीटनर भरा होता है।
4. फ्लेवर्ड योगर्ट – दिखने में हेल्दी, अंदर से मीठा।
5. क्रीमर और कंडेंस्ड मिल्क – स्वाद और टेक्सचर के लिए इनमें भी शुगर मिलाई जाती है।
6. पैक्ड जूस – 100% जूस लिखे होने के बावजूद इनमें अतिरिक्त स्वीटनर होता है।
7. फ्लेवर्ड मिल्क – बच्चों का फेवरेट, लेकिन शुगर भी भरपूर।
8. कैंड फ्रूट्स और जैम – स्वाद और प्रिज़र्वेशन दोनों के लिए इसमें शुगर डाली जाती है।
9. बेकरी आइटम्स – ब्रेड, पेस्ट्री या बन में भी शुगर मिलाई जाती है, भले ही स्वाद में मीठा कम लगे।
संकट बढ़ता जा रहा है
अमेरिका में सबसे ज्यादा शुगर का सेवन होता है, लेकिन भारत, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों में भी मीठा तेजी से बढ़ रहा है. लैंसेट की एक स्टडी कहती है कि अगर ये ट्रेंड ऐसे ही चलते रहे तो 2050 तक दुनिया में मोटापे के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएंगे. अनुमान है कि आने वाले समय में भारत, चीन और अमेरिका में मोटापे के मरीज सबसे ज्यादा होंगे.
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