35 करोड़ की आबादी में एक ही शराब की दुकान कैसे
35 करोड़ की आबादी में एक ही शराब की दुकान कैसे
दुनिया के सबसे सख्त नियमों वाले देशों में गिने जाने वाले सऊदी अरब को लेकर यह बात चौंकाने वाली है कि यहां 3.5 करोड़ की आबादी के बीच सिर्फ एक शराब की दुकान मौजूद है। लेकिन यह दुकान भी आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि बेहद सीमित वर्ग के लिए खोली गई है।
सऊदी अरब में शराब पर लंबे समय से पूरी तरह प्रतिबंध रहा है। इस्लामिक कानूनों के तहत शराब का सेवन, खरीद और बिक्री गैरकानूनी मानी जाती है। इसी वजह से दशकों तक देश में कोई आधिकारिक शराब की दुकान नहीं थी। हालांकि हाल के वर्षों में सरकार ने नियमों में बेहद सीमित बदलाव किया है।
रियाद में खोली गई यह इकलौती शराब की दुकान सिर्फ गैर-मुस्लिम विदेशी नागरिकों के लिए है। यहां सऊदी नागरिकों या मुस्लिम समुदाय को शराब देने की इजाजत नहीं है। इतना ही नहीं, हर कोई विदेशी भी यहां से शराब नहीं खरीद सकता। इसके लिए सरकार द्वारा तय किए गए सख्त नियमों को पूरा करना जरूरी है।
जानकारी के मुताबिक शराब खरीदने के लिए व्यक्ति का गैर-मुस्लिम होना अनिवार्य है और उसके पास वैध रेजिडेंसी परमिट होना चाहिए। इसके अलावा आय को लेकर भी शर्तें तय की गई हैं। एक तय न्यूनतम सैलरी से कम कमाने वाले लोग इस दुकान से शराब नहीं खरीद सकते। खरीद की मात्रा पर भी सीमा तय है ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
सरकार का कहना है कि यह कदम अवैध शराब तस्करी और ब्लैक मार्केट को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे पहले विदेशी नागरिकों को शराब के लिए गैरकानूनी रास्तों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे कई बार जहरीली शराब के मामले सामने आते थे।
हालांकि यह बदलाव सऊदी अरब की पूरी शराब नीति में ढील का संकेत नहीं माना जा रहा। नियम अब भी बेहद सख्त हैं और जरा सी चूक पर कड़ी सजा का प्रावधान है। यह दुकान सिर्फ एक नियंत्रित प्रयोग की तरह देखी जा रही है।
एक ऐसे देश में जहां शराब पूरी तरह वर्जित रही हो, वहां एक ही दुकान का होना अपने आप में दुनिया भर के लिए चर्चा का विषय बन गया है।