रोहतास में कैसे उजागर हुआ लड़कियों को फंसाने का खतरनाक जाल
रोहतास में कैसे उजागर हुआ लड़कियों को फंसाने का खतरनाक जाल
बिहार के रोहतास जिले में पुलिस ने एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जहां देह व्यापार में धकेलने के लिए लाई गई 17 लड़कियों को बेहद खराब हालात में रखा गया था। पूरी घटना किसी क्राइम वेब सीरीज जैसी लगती है, लेकिन असलियत उससे कहीं ज़्यादा डरावनी है।
रोहतास के रेड लाइट इलाके में पुलिस को कई दिनों से अवैध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। एक ऑपरेशन के बाद जो सामने आया, उसने सभी को हैरान कर दिया। यहां अलग-अलग राज्यों से लाई गई 17 लड़कियां ऐसी जगहों पर बंद थीं, जहां से बाहर निकलना लगभग नामुमकिन था। पुलिस का कहना है कि इन लड़कियों को बहला-फुसलाकर या नौकरी का लालच देकर यहां लाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया।
रेस्क्यू टीम ने बताया कि कई लड़कियां मानसिक रूप से टूट चुकी थीं और लगातार नजरबंदी में रखी जा रही थीं। उन्हें बाहर की दुनिया से पूरी तरह अलग कर दिया गया था। इलाके के कुछ लोगों ने भी स्वीकार किया कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और कुछ स्थानीय दलाल इसे चलाने में मदद कर रहे थे। पुलिस अब उनका पता लगाने में जुटी है।
छापेमारी के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं—फर्जी पहचान पत्र, संदिग्ध मोबाइल नंबर और पैसों के लेनदेन से जुड़े दस्तावेज। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह सिर्फ एक स्टेशन नहीं बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। रेस्क्यू की गई लड़कियों में कुछ नाबालिग भी होने की आशंका है, जिसे लेकर बाल संरक्षण इकाई आगे की जांच कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि यह घटना मानव तस्करी के खिलाफ कड़े एक्शन की जरूरत को फिर याद दिलाती है। ग्रामीण और छोटे शहर ऐसे नेटवर्क के आसान निशाने बन जाते हैं, जहां गरीबी, बेरोजगारी और जानकारी की कमी का अपराधी फायदा उठाते हैं। पुलिस अब इस मामले में बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है, ताकि इस पूरे गिरोह को जड़ से समाप्त किया जा सके।
फिलहाल सभी 17 लड़कियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और उनका काउंसलिंग तथा मेडिकल जांच शुरू कर दी गई है। यह मामला सिर्फ एक रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं, बल्कि उस संगठित अपराध की झलक है जो समाज की आड़ में चलता रहता है और अक्सर सामने नहीं आ पाता।