नई दिल्ली स्टेशन पर कैसे हुई भगदड़ में 18 मौतें? रेल मंत्री ने संसद में बताया

Updated on 2025-08-02T11:26:48+05:30

नई दिल्ली स्टेशन पर कैसे हुई भगदड़ में 18 मौतें? रेल मंत्री ने संसद में बताया

नई दिल्ली स्टेशन पर कैसे हुई भगदड़ में 18 मौतें? रेल मंत्री ने संसद में बताया

1 अगस्त 2025 को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो भगदड़ हुई थी, उसकी मुख्य वजह एक यात्री के सिर से भारी सामान गिरना थी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ हो गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत और 15 घायल हुए। मरने वालों में 11 महिलाएं और 4 बच्चे भी शामिल थे।

हादसा कैसे हुआ?

रात करीब 8:48 बजे यह हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 14/15 को जोड़ने वाले फुट ओवर ब्रिज की सीढ़ियों पर हुआ।

हादसे के समय प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्टेशन पर मौजूद थे।

कई लोग सिर पर भारी सामान लेकर चल रहे थे, जिससे सीढ़ियों पर जगह कम पड़ गई।

अचानक एक यात्री के सिर से भारी सामान गिरा, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ मच गई।

हादसे के बाद क्या कार्रवाई हुई?

इस मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमिटी बनाई गई थी, जिसने अब रिपोर्ट दे दी है।

रेलवे ने इस हादसे के बाद दिल्ली मंडल के DRM समेत पांच वरिष्ठ अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया।

अब रेलवे क्या कदम उठा रहा है?

1. हर बड़े स्टेशन पर स्टेशन डायरेक्टर

  • अब देश के 73 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ‘स्टेशन डायरेक्टर’ नियुक्त किए जाएंगे।
  • ये अधिकारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मौके पर ही तत्काल फैसला ले सकते हैं, जैसे टिकट बिक्री सीमित करना ताकि प्लेटफॉर्म पर भीड़ न बढ़े।

2. होल्डिंग एरिया बनाया जाएगा

  • यात्रियों को भीड़ से बचाने के लिए स्टेशनों के बाहर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं।
  • नई दिल्ली, आनंद विहार, गाजियाबाद, अयोध्या और वाराणसी में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है।
  • अब सिर्फ कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति मिलेगी। वेटिंग और बिना टिकट वाले यात्रियों को होल्डिंग एरिया में इंतजार करना होगा।

3. फुट ओवर ब्रिज होंगे चौड़े

  • रेलवे ने 6 मीटर (20 फीट) और 12 मीटर (40 फीट) चौड़े नए डिजाइन वाले फुट ओवर ब्रिज बनाने की योजना बनाई है।
  • इसमें रैंप भी होंगे, जो भीड़ नियंत्रण में मदद करेंगे। ये डिज़ाइन पहले महाकुंभ में सफल साबित हो चुके हैं।

4. सुरक्षा और निगरानी के इंतजाम

  • हर स्टेशन पर सीसीटीवी, वॉकी-टॉकी, अनाउंसमेंट सिस्टम और वॉर रूम की व्यवस्था की जा रही है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके।