यह कैसे तय होता है कि कौन-सी सुई शरीर के किस हिस्से में लगेगी?
यह कैसे तय होता है कि कौन-सी सुई शरीर के किस हिस्से में लगेगी?
Injection Types for Body Parts : क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर इंजेक्शन बांह या कमर में क्यों लगाते हैं? छोटे बच्चों को कभी जांघ में सुई क्यों लगाई जाती है? इसके पीछे कोई खास वजह है। डॉक्टर अपनी मनमर्जी से जगह नहीं चुनते, बल्कि इसके पीछे मेडिकल कारण होते हैं।
इंजेक्शन कहां दिया जाएगा, यह बहुत सोच-समझकर तय किया जाता है। यह सिर्फ सुई नहीं, बल्कि शरीर में दवा पहुंचाने का एक सटीक तरीका होता है। हर इंजेक्शन का तरीका, गहराई और असर अलग होता है, इसलिए उसे खास हिस्सों में लगाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर की मेडिकल ट्रेनिंग, दवा की प्रकृति और शरीर की संरचना को ध्यान में रखा जाता है।
इंजेक्शन के प्रकार:
- इंट्रामस्कुलर (Intramuscular) – मांसपेशियों में लगाया जाता है।
- सबक्यूटेनियस (Subcutaneous) – स्किन की सतह के नीचे।
- इंट्राडर्मल (Intradermal) – स्किन की ऊपरी परत में।
- इंट्रावेनस (Intravenous) – नसों के जरिए सीधे ब्लड में।
इंजेक्शन किस हिस्से में लगेगा, यह कैसे तय होता है:
- बांह (Deltoid Muscle) – जब दवा कम मात्रा में हो और जल्दी असर चाहिए, जैसे वैक्सीनेशन।
- जांघ (Thigh Muscle) – बच्चों के लिए, जब बांह में सुई लगाना मुश्किल हो।
- पेट (Abdomen) – इंसुलिन जैसे इंजेक्शन जो धीरे-धीरे असर दिखाते हैं।
- कमर (Buttocks) – जब बड़ी मात्रा में दवाइयाँ दी जाती हैं, जैसे पेन किलर या एंटीबायोटिक।
सुई की लंबाई और मोटाई भी तय करती है कि इंजेक्शन कहां लगेगा। मोटी सुई मांसपेशियों में जाती है, जबकि पतली सुई स्किन के नीचे लगती है। अगर सही जगह नहीं चुनी जाती, तो दवा का असर नहीं हो सकता या दर्द, सूजन हो सकती है।
डॉक्टर को यह भी सिखाया जाता है कि दवा कहां, कितनी मात्रा में और किस तरीके से देनी है।
Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, कृपया सलाह के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें।