GST की एक छोटी गलती कैसे बंद कर सकती है बैंक अकाउंट
GST की एक छोटी गलती कैसे बंद कर सकती है बैंक अकाउंट
GST रिटर्न या टैक्स कंप्लायंस में लापरवाही अक्सर लोग हल्के में ले लेते हैं, लेकिन हालिया मामलों ने साबित किया है कि छोटी गलती भी बैंक अकाउंट ब्लॉक होने तक बात पहुँचा सकती है। अगर आपका अकाउंट रुक गया तो न पैसे निकल पाएंगे, न लेन-देन हो पाएगा, और फिर इसे अनलॉक कराना भी आसान नहीं होता।
GST विभाग के मुताबिक, कई व्यवसाय गलत जानकारी, फर्जी ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) या मिसमैच्ड रिटर्न के कारण जांच के दायरे में आते हैं। अगर किसी GST नंबर पर संदिग्ध गतिविधि दिखती है, जैसे सेल फर्जी दिखाना, बिल बिना सप्लाई के बनाना, या GSTR-1 और GSTR-3B में बड़ा अंतर, तो अधिकारी तुरंत बैंक अकाउंट फ्रीज कर सकते हैं। कई व्यापारी इस बात को गंभीरता से नहीं लेते और सोचते हैं कि सिर्फ नोटिस आएगा, लेकिन नियम साफ कहता है कि टैक्स का नुकसान रोकने के लिए अकाउंट पर अस्थायी रोक लगाई जा सकती है।
ऐसे मामलों में अक्सर व्यापारी का कलेक्शन रुक जाता है, भुगतान फंस जाते हैं और कारोबारी गतिविधियाँ ठप पड़ जाती हैं। यही वजह है कि GST विभाग बार-बार चेतावनी दे रहा है कि फर्जी ITC लेना या गलत रिटर्न फाइल करना अब सीधे बैंकिंग कार्रवाई तक पहुँच सकता है। अगर विभाग को लगता है कि भुगतान टैक्स चोरी में इस्तेमाल हो सकते हैं, तो बैंक को आदेश देकर तुरंत अकाउंट रोक दिया जाता है।
अगर गलती से आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाए, तो इसे अनलॉक कराने की प्रक्रिया भी निर्धारित है। सबसे पहले आपको संबंधित GST कार्यालय में जाकर कारण बताना होता है और सभी दस्तावेज जमा करने होते हैं, जैसे वास्तविक खरीद-बिक्री के बिल, ई-वे बिल, स्टॉक डिटेल, GSTR-2A/2B मैचिंग रिपोर्ट आदि। अधिकारी इन दस्तावेजों की जांच करके तय करते हैं कि बैंक की रोक हटाई जा सकती है या नहीं। कई मामलों में टैक्स, ब्याज या पेनल्टी जमा करवाने के बाद ही अकाउंट दोबारा ऑपरेट करने की अनुमति मिलती है।
कुल मिलाकर, GST कंप्लायंस अब सिर्फ रिटर्न भरने का काम नहीं रहा। यह कारोबार की वित्तीय सुरक्षा से भी जुड़ा है। थोड़ी सी चूक भी बैंकिंग सिस्टम तक असर डाल सकती है, इसलिए सही रिटर्न, सही डेटा और सही बिलिंग ही आपके पैसों को सुरक्षित रख सकती है।
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