ईरान ने फिर दागीं इज़राइल पर मिसाइलें
ईरान ने फिर दागीं इज़राइल पर मिसाइलें
मध्य रात्रि 13–14 जून की दरम्यान, ईरान ने इज़राइल पर एक बार फिर शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की। यह हमला उसी के प्रतिशोध के तहत किया गया जिसमें इज़राइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों पर सबसे बड़े पैमाने पर एयरस्ट्राइक की थी ।
इज़राइल की ‘Operation Rising Lion’ में करीब 100 से अधिक हमले किए गए, जिनमें नतांज़ और फोर्डो जैसे परमाणु अभियंत्रण केंद्र भी शामिल थे। इस अभियान में ईरानी सैन्य कमांडर, वैज्ञानिक व नागरिकों की जान गई; ईरान का दावा है कि 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए ।
प्रतिक्रिया स्वरूप, ईरान ने ‘Operation True Promise III’ नामक अभियान में 100–150 बैलिस्टिक मिसाइल और लगभग 100 ड्रोन इज़राइल की ओर उड़ा दिए । इज़राइल ने दावा किया कि अधिकांश मिसाइलें आकाश में ही इंटरसेप्ट कर दी गईं, लेकिन कुछ टेल अवीव व यरुशलम में भिंचीं। इज़राइली अधिकारियों ने बताया कि कम से कम एक व्यक्ति की मृत्यु और दर्जनों के घायल होने की जानकारी मिली है; इनमें से कुछ हल्के घायल हैं ।
इस सैन्य विकल्प के साथ, क्षेत्रीय तनाव बेहद तीव्र हो गया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला ख़ामेनेई ने इज़राइल को कड़ी चेतावनी दी है और कहा कि ‘ज़ायोनीवादी प्रणाली बर्बाद हो जाएगी’ । दूसरी ओर, इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली भी चौकन्नी बनी हुई है और अमेरिका ने इंडियन-ओशन मार्ग में अपनी क्षमताओं को सक्रिय कर दिया है ।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस संघर्ष पर टिकी हैं, और वैश्विक स्तर पर तुरंत शांति की अपील की जा रही है; फिलहाल दोनों देशों के बीच जलती हुई कूटनीतिक घटनाकर को लेकर सुरक्षा परिषद भी सक्रिय हुई है ।
इज़राइल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर बड़ा हमला किया।
ईरान ने इसकी कड़ी निंदा की और जवाबदार हमला किया।
दोनों देशों के बीच गर्मजोशी बढ़ने से क्षेत्रीय व वैश्विक स्थिरता पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।