इज़राइल ने हमले को बताया 'यहूदी विरोधी आतंकवाद', दुनियाभर में अपने दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला।

Updated on 2025-05-23T14:09:03+05:30

इज़राइल ने हमले को बताया 'यहूदी विरोधी आतंकवाद', दुनियाभर में अपने दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला।

इज़राइल ने हमले को बताया 'यहूदी विरोधी आतंकवाद', दुनियाभर में अपने दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला।

वॉशिंगटन डीसी में बुधवार शाम कैपिटल यहूदी म्यूज़ियम के पास इज़राइली दूतावास के दो कर्मचारियों — यारोन लिशिंस्की और सारा मिलग्रिम — की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इज़राइली अधिकारियों ने इस हमले को “यहूदी विरोधी आतंकवाद की बर्बर घटना” बताया है।

हमलावर की पहचान 30 वर्षीय एलियास रोड्रिगेज के रूप में हुई है, जो शिकागो का रहने वाला है। चश्मदीदों के मुताबिक, गिरफ्तारी के वक्त वह “फ्री, फ्री फिलिस्तीन” चिल्ला रहा था।

घटना उस वक्त हुई जब म्यूज़ियम में ग़ाज़ा में मानवीय मदद को लेकर एक अंतरधार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें 50 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें से 30 से ज्यादा इज़राइली दूतावास के कर्मचारी थे। प्रत्यक्षदर्शी योनी कलीन ने बताया कि गोलीबारी के बाद वहां अफरातफरी मच गई।

इज़राइली विदेश मंत्रालय ने पीड़ितों की पहचान की पुष्टि करते हुए उन्हें “दोस्त और साथी” बताया और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। इज़राइली दूतावास ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करेगा।

घटना स्थल एफबीआई के वॉशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास ही था। अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने दोनों मौतों की पुष्टि की और कहा कि इस मामले की जांच स्थानीय और संघीय एजेंसियां मिलकर कर रही हैं।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “यहूदी विरोध की घृणित घटना” बताया। इज़राइली राष्ट्रपति आइजैक हर्ज़ोग ने भी बयान जारी कर इसे “नफरत का घिनौना कृत्य” बताया।

एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल को भी मामले की जानकारी दी गई है और जांच अभी जारी है।

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि दुनियाभर में इज़राइली दूतावासों की सुरक्षा अब और कड़ी की जाएगी।