जामिया में तुर्की भाषा की पढ़ाई बंद, जेएनयू के बाद दूसरा बड़ा फैसला

Updated on 2025-05-16T13:02:09+05:30

जामिया में तुर्की भाषा की पढ़ाई बंद, जेएनयू के बाद दूसरा बड़ा फैसला

जामिया में तुर्की भाषा की पढ़ाई बंद, जेएनयू के बाद दूसरा बड़ा फैसला

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) द्वारा तुर्की भाषा के पाठ्यक्रमों को समाप्त करने के बाद, अब जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी तुर्की भाषा की पढ़ाई को बंद कर दिया है।  यह निर्णय भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ (Association of Indian Universities - AIU) द्वारा पाकिस्तान, तुर्की और बांग्लादेश के साथ शैक्षणिक संबंध समाप्त करने की सिफारिश के बाद लिया गया है।  

जामिया मिलिया इस्लामिया में पहले तुर्की भाषा में बीए (ऑनर्स), डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध थे।  हालांकि, विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अब इन पाठ्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिससे संकेत मिलता है कि ये कोर्स बंद कर दिए गए हैं।  

AIU ने देश भर के विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर पाकिस्तान, तुर्की और बांग्लादेश के साथ शैक्षणिक संबंध समाप्त करने की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया।  

इस निर्णय से छात्रों और शिक्षकों के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।  कुछ लोग इसे राष्ट्रीय हित में उठाया गया आवश्यक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे शैक्षणिक स्वतंत्रता पर प्रभाव डालने वाला निर्णय मानते हैं। 

इस घटनाक्रम के बाद अन्य विश्वविद्यालयों में भी तुर्की भाषा और संबंधित पाठ्यक्रमों की समीक्षा की जा रही है, जिससे भविष्य में और भी संस्थानों में ऐसे निर्णय लिए जा सकते हैं।