Kashmiri Pherans: दिल्ली की ठंड में कश्मीरी फेरन बना पहली पसंद
Kashmiri Pherans: दिल्ली की ठंड में कश्मीरी फेरन बना पहली पसंद
दिल्ली की सड़कों, कॉलेजों, दफ्तरों, पार्कों और बाजारों में अब महिलाएं कढ़ाईदार, ढीले-ढाले कश्मीरी फेरन पहनती नजर आ रही हैं। पहले यह पहनावा खासतौर पर कश्मीर तक सीमित था, लेकिन अब दिल्ली की सर्दियों की पहचान बन चुका है। यह सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि संस्कृति, कारीगरी और बदलते फैशन ट्रेंड्स की कहानी भी है।
करीब 20 साल पहले दिल्ली की मीडियाकर्मी मेघा चतुर्वेदी ने कश्मीर से अपना पहला फेरन खरीदा था। तब उन्हें शायद अंदाजा नहीं था कि यह उनका स्टाइल स्टेटमेंट बन जाएगा। आज दिल्ली में फेरन पहनने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ चुकी है।
फेरन कश्मीरी ऊनी परिधान है, जिसमें जरी और टिल्ला की हाथ की कढ़ाई होती है। यह गर्म, हल्का और आरामदायक होता है, और पैंट, जींस या पलाजो के साथ आसानी से स्टाइल किया जा सकता है।
फेरन की बढ़ती मांग का असर कश्मीरी कारीगरों और व्यापारियों पर पड़ा है। श्रीनगर के विक्रेता जूनैद नाज़िर बताते हैं कि पिछले दो सालों में दिल्ली के लिए 500 से ज्यादा फेरन भेजे जा चुके हैं। ऑनलाइन शॉपिंग और सोशल मीडिया ने मांग और बढ़ा दी है। कश्मीर बॉक्स जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां 70,000 से 80,000 ग्राहकों तक डिजिटल माध्यम से पहुंच चुकी हैं।
सेलिब्रिटी फैशन ने भी फेरन को लोकप्रिय बनाया। जब अभिनेत्री कंगना रनौत ने एयरपोर्ट पर काला फेरन पहना, तो यह फैशन का नया ट्रेंड बन गया। ढीले-ओवरसाइज कपड़े और आरामदायक पहनावा युवाओं में इसे और लोकप्रिय बना रहे हैं। अब दिल्ली की शादियों में भी स्टाइलिश फेरन देखने को मिलते हैं।
फेरन अब अलग-अलग साइज में उपलब्ध है और छोटे साइज की बिक्री 70% तक बढ़ चुकी है, जो दर्शाता है कि युवा पीढ़ी इसे खूब पसंद कर रही है। बेंगलुरु, पुणे और मुंबई से भी ऑर्डर आने लगे हैं।
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