ITR भरते समय इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, रिटर्न फाइलिंग में नहीं होगी दिक्कत

Updated on 2025-07-12T10:58:48+05:30

ITR भरते समय इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, रिटर्न फाइलिंग में नहीं होगी दिक्कत

ITR भरते समय इन डॉक्यूमेंट्स को रखें तैयार, रिटर्न फाइलिंग में नहीं होगी दिक्कत

ITR Filing: हर भारतीय नागरिक के लिए ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करना एक कानूनी ज़िम्मेदारी है। इस बार सरकार ने ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है।

यह छूट सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनके अकाउंट का ऑडिट नहीं होता, जैसे सैलरी पाने वाले या पेंशन लेने वाले लोग। जिनके खातों का ऑडिट होता है, उन्हें पहले की तारीख के हिसाब से ही टैक्स भरना होगा।

अभी भी समय है, तो जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखें ताकि ITR भरते वक्त कोई दिक्कत न आए।

ITR फाइल करते वक्त किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी?

1. फॉर्म 16

यह आपके एम्प्लॉयर से मिलता है और इसमें आपकी सैलरी, TDS (टैक्स कटौती), और टैक्स से जुड़ी सारी जानकारी होती है। इससे आप टैक्स पोर्टल पर दी गई जानकारी से मिलान कर सकते हैं।

2. फॉर्म 16A, 16B, 16C और 16D

फॉर्म 16A: फिक्स्ड डिपॉजिट या इंश्योरेंस कमीशन पर मिलने वाली इनकम के लिए होता है।

फॉर्म 16B: जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो इसका इस्तेमाल होता है।

फॉर्म 16C: अगर आप 50,000 रुपये से ज्यादा किराया देते हैं तो यह फॉर्म जरूरी है।

इन सबका इस्तेमाल अलग-अलग कमाई के स्त्रोतों को दिखाने और सही टैक्स भरने में मदद करता है।

3. फॉर्म 26AS, AIS और TIS

फॉर्म 26AS: इसमें TDS और टैक्स की पूरी जानकारी होती है।

AIS: इसमें बैंक इंटरेस्ट, एफडी, शेयर जैसी कमाई की डिटेल होती है।

TIS: AIS का एक आसान सारांश होता है।

ये सब इनकम टैक्स की वेबसाइट पर मिल जाते हैं।

4. कैपिटल गेन स्टेटमेंट

अगर आपने म्यूचुअल फंड, शेयर या प्रॉपर्टी बेची है, तो उससे हुई कमाई (कैपिटल गेन) का ब्यौरा ज़रूरी है। यह जानकारी आपको आपके ब्रोकर या म्यूचुअल फंड कंपनी से मिल जाएगी।

5. बैंक स्टेटमेंट और इंटरेस्ट सर्टिफिकेट

बैंक या पोस्ट ऑफिस स्कीम से जो भी ब्याज मिला है, उसका सर्टिफिकेट लें। यह ब्याज भी ITR में दिखाना जरूरी होता है।

6. विदेशी इनकम या अनलिस्टेड शेयर

अगर आपके पास विदेशी बैंक अकाउंट, विदेशी कंपनी के शेयर या भारत की किसी अनलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं, तो इसकी जानकारी ITR में देनी होगी – भले ही आपकी इनकम टैक्स लिमिट से कम हो। आपको कंपनी का नाम और शेयरों की संख्या बतानी होगी।