दिल्ली के मिडिल क्लास पैरेंट्स का नया सवाल: क्या महंगे प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल ही सफलता का पैमाना?

Updated on 2025-05-28T11:05:56+05:30

दिल्ली के मिडिल क्लास पैरेंट्स का नया सवाल: क्या महंगे प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल ही सफलता का पैमाना?

दिल्ली के मिडिल क्लास पैरेंट्स का नया सवाल: क्या महंगे प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल ही सफलता का पैमाना?

दिल्ली के कई मिडिल क्लास परिवार, जो छोटे शहरों और कस्बों से आए हैं, अपने बच्चों की सफलता को इंग्लिश मीडियम प्राइवेट स्कूल के नाम और फीस से आंकते हैं। उनकी सोच है कि जितना बेहतर और महंगा स्कूल होगा, उतनी ही बड़ी उपलब्धि होगी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में प्राइवेट स्कूलों की फीस इतनी तेजी से बढ़ी है कि वेतन इसके साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहा है।

इस वजह से कई माता-पिता अब इस सफलता के पुराने पैमाने पर सवाल उठाने लगे हैं। वे सोच रहे हैं कि क्या महंगे स्कूल फीस देना वाकई में बच्चों की शिक्षा और सफलता की गारंटी है या फिर इसके अलावा भी कुछ और मायने रखते हैं।

यह बदलाव परिवारों की सोच में बदलाव और आर्थिक दबाव को दर्शाता है, जो अब शिक्षा के खर्चों को लेकर नए नजरिए की मांग कर रहा है।