महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति के खिलाफ गरजे राज ठाकरे, MNS और उद्धव गुट का मुंबई में बड़ा प्रदर्शन

Updated on 2025-07-03T12:55:43+05:30

महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति के खिलाफ गरजे राज ठाकरे, MNS और उद्धव गुट का मुंबई में बड़ा प्रदर्शन

महाराष्ट्र में तीन-भाषा नीति के खिलाफ गरजे राज ठाकरे, MNS और उद्धव गुट का मुंबई में बड़ा प्रदर्शन

महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लागू की जा रही तीन-भाषा नीति को लेकर राजनीति गरमा गई है। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) इस नीति के खिलाफ सबसे मुखर बनकर सामने आई है। पार्टी ने साफ कहा है कि महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी भाषा के अधिकार से कोई समझौता नहीं होगा।

MNS का आरोप है कि केंद्र की यह तीन-भाषा नीति हिंदी और अंग्रेज़ी को बढ़ावा देकर मराठी भाषा और संस्कृति को पीछे धकेलने की कोशिश है। इस मुद्दे पर राज ठाकरे ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि "मराठी को कमजोर करने की साजिश को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे।"

इसी कड़ी में MNS और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने मिलकर शनिवार को मुंबई में तीन-भाषा नीति के खिलाफ एक विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन राज्य सरकार और केंद्र पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

तीन-भाषा नीति के तहत छात्रों को हिंदी, अंग्रेज़ी और एक क्षेत्रीय भाषा सीखनी होगी, लेकिन महाराष्ट्र में इस नीति को लेकर विरोध इस आशंका के कारण है कि मराठी छात्रों पर जबरन हिंदी थोपने की कोशिश हो रही है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों ही इसे महाराष्ट्र की पहचान और आत्मसम्मान से जोड़कर देख रहे हैं।

अब यह मुद्दा शिक्षा नीति से आगे बढ़कर मराठी अस्मिता और भाषाई राजनीति का बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।