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चांदनी चौक में अवैध निर्माण पर SC सख्त, एक ईंट रखने पर भी गिरफ्तारी हो

Updated on 2025-07-19T12:02:14+05:30

चांदनी चौक में अवैध निर्माण पर SC सख्त, एक ईंट रखने पर भी गिरफ्तारी हो

चांदनी चौक में अवैध निर्माण पर SC सख्त, एक ईंट रखने पर भी गिरफ्तारी हो

दिल्ली के चांदनी चौक में हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कोर्ट के आदेश के बावजूद बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माणों पर नाराज़गी जताई और कहा कि यह नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा एक बड़ा घोटाला है।

कोर्ट का सख्त निर्देश

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि अगर कोई व्यक्ति अवैध निर्माण में एक भी ईंट जोड़ता हुआ पाया जाए, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए। साथ ही उस जगह की संपत्ति को सील करने का भी आदेश दिया गया।

नगर निगम और पुलिस पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमसीडी के अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत से यह सब हो रहा है, और अगर हालात नहीं सुधरे तो पुलिस को कार्रवाई में शामिल करना पड़ेगा। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से इलाके में लगातार गश्त करने को कहा है और कहा कि अवैध निर्माण पर जारी तोड़फोड़ नोटिस का सख्ती से पालन किया जाए।

बुजुर्ग महिला की याचिका पर भी नाराज़गी

कोर्ट ने एक बुजुर्ग महिला की शिकायत पर भी नाराज़गी जताई। महिला ने आरोप लगाया था कि एक बिल्डर ने उसकी आवासीय संपत्ति पर अवैध निर्माण किया, और वह 2022 से निगम और पुलिस के चक्कर काट रही है, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।

CBI जांच की संभावना

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चांदनी चौक में हो रहे अवैध निर्माण और एमसीडी की नाकामी की जांच सीबीआई से कराने की बात कही थी। इसके बाद कोर्ट ने रिहायशी इलाकों को कमर्शियल में बदलने पर रोक लगा दी और एमसीडी को चेतावनी दी कि आदेश का उल्लंघन अदालत की अवमानना माना जाएगा।

रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक

कोर्ट ने साफ किया कि रिहायशी इलाकों में किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर संपत्तियों को सील किया जा सकता है। एमसीडी को निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।

मामले की पृष्ठभूमि

यह सख्त टिप्पणी उस सुनवाई के दौरान आई जब सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट के दो आदेशों को चुनौती देने वाले मामले पर सुनवाई कर रहा था। एक याचिका चांदनी चौक के बाग दीवार, फतेहपुरी जैसे इलाकों में हो रहे अनधिकृत निर्माण हटाने से जुड़ी थी, वहीं दूसरी याचिका बाग दीवार की एक रिहायशी संपत्ति को कमर्शियल इस्तेमाल में लाने पर आपत्ति जताती थी।

कोर्ट ने टिप्पणी की, "ये लोग कितने हिम्मती हैं कि हमारे आदेशों के बावजूद अवैध निर्माण बंद नहीं कर रहे।"