Gen Z को जोड़ने का राज: उनकी भाषा में बात करना जरूरी

Updated on 2025-08-06T14:25:26+05:30

Gen Z को जोड़ने का राज: उनकी भाषा में बात करना जरूरी

Gen Z को जोड़ने का राज: उनकी भाषा में बात करना जरूरी

Campaign India के एक हालिया लेख में बताया गया है कि Gen Z के लिए सफलता का राज़ है, डिजिटल भाषा समझना और उसी में संवाद करना। लेख कहता है कि यह पीढ़ी सिर्फ तथ्य-आधारित मार्केटिंग से प्रभावित नहीं होती, बल्कि व्यक्ति की बोलचाल, संस्कृति और डिजिटल शैली को देखकर जुड़ाव महसूस करती है  ।

लेख के अनुसार, Gen Z समाचार पढ़ने के लिए प्रिंट या टीवी की बजाय न्यूज़ ऐप्स और सोशल मीडिया का इस्तेमाल पसंद करती है। यह लॉन्ग‑फॉर्म जानकारी से ज्यादा बाइट‑साइज़ अपडेट्स, विज़ुअल एक्सप्लेनर और शॉर्ट‑फॉर्म कॉमेंट्री को महत्व देती है। इसके साथ ही, वे क्रिएटर-लेट मार्केटिंग जैसे इंसाइडर्स या इंफ्लुएंजर्स के भरोसे अधिक करते हैं, बजाय पारंपरिक सेलिब्रिटी प्रचार के  ।

लेख में ये भी बताया गया है कि Gen Z की भाषा स्लैंग, इमोजी, स्थानीय बोलियाँ और इंटरनेट कल्चर को शामिल करके अधिक प्रभावशाली बनती है। जैसे Swiggy‑Zomato की “हिंग्लिश” नोटिफिकेशन्स, जो दोस्ताना और रिलेटेबल टोन में होती हैं, ने उनसे गहरा जुड़ाव जड़ दिया है। इस भाषा में बोलकर ब्रांड्स Gen Z की दुनिया में घुल-मिल जाते हैं  ।

इसके अलावा, लेख यह दर्शाता है कि Gen Z पारदर्शिता की अपेक्षा करती है—चाहे वह ब्रांड की sourcing नीति हो या sustainability और ethics। जब वे सोचते हैं कि कोई बात छिपाई जा रही है, तो वे तुरंत निष्कर्ष निकाल लेते हैं। ब्रांड्स जो ईमानदार और स्पष्ट संवाद करते हैं, Gen Z उनसे जुड़ाव महसूस करती है  ।

Gen Z को समझना अब सिर्फ उम्र की बात नहीं, बल्कि उनकी डिजिटल भाषा, संस्कृति और संवाद शैली को अपनाना भी है। यदि कोई ब्रांड उनकी भाषा में बात नहीं करता, तो वह Gen Z के सामाजिक और उपभोक्ता परिदृश्य में मौजूद नहीं माना जाता।