सोनम रघुवंशी — कौन थी वह मोबाइल नंबर, जिसे उसने डायल करते समय मिटाया था?
सोनम रघुवंशी — कौन थी वह मोबाइल नंबर, जिसे उसने डायल करते समय मिटाया था?
9 जून 2025 की रात लगभग 1 बजे, सोनम ने गाजीपुर‑सड़क किनारे स्थित ढाबे पर पहुंचकर ढाबा मालिक का फोन इस्तेमाल किया अपने परिवार से संपर्क करने हेतु ।
पुलिस के अनुसार, उसने कॉल करने से önce खुद का मोबाइल ऑन किया—संभवतः किसी विशेष नंबर को याददाश्त में लेने के लिए—और तुरन्त उसे बंद कर दिया ।
यही “misleading” कदम उसे पकड़ाने में मददगार साबित हुआ: उस पर मेघालय और मध्य प्रदेश पुलिस को अलर्ट भेजा गया, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस की गई ।
सोनम ने अपने असली फोन को छोड़कर इंदौर में तीन नए फोन खरीदे—एक कीपैड फोन व दो स्मार्टफोन। सभी खरीद-फरोख्त उसने सह‑आरोपी आनंद कुर्मी के दस्तावेजों से की ।
बाद में आरोप है कि उसने इन फोन और सिम कार्डों को मेघालय में जला दिया, ताकि कोई डिजिटल ट्रेल न बचे ।
सोनम ने हत्या के बाद अपनी पहचान और लोकेशन को छिपाने के लिए कई चालाकी भरे कदम उठाए—फोन स्विच ऑन-पैड करने, नंबर मिटाने, अज्ञात सिमों के प्रयोग और उन फोन को भट्टी में उतारने तक की योजना—लेकिन पुलिस को इनसे मिली जानकारी उसे पकड़ने में निर्णायक साबित हुई।
संक्षेप में, वह नंबर जिसे डायल करते समय मिटाया गया था, संभवतः किसी करीबी रिश्तेदार या साथी का था, जिसे वह याद रखना चाह रही थी—पर यह भूल गई कि खुफिया नेटवर्क और पुलिस चीते की तरह उसकी गतिविधि को ट्रैक कर रहे थे।
घटना की सारी जांच जारी है और मेघालय एवं मध्य प्रदेश पुलिस साथ मिलकर यह पता लगाने में लगी हुई हैं कि वह नंबर किसका था और उसने किससे सम्पर्क साधने की कोशिश की थी।