एसएससी परीक्षा कुप्रबंधन का समाधान: छात्र दोबारा परीक्षा दे सकते हैं: जितेंद्र सिंह
एसएससी परीक्षा कुप्रबंधन का समाधान: छात्र दोबारा परीक्षा दे सकते हैं: जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में अव्यवस्थित तरीके से आयोजित एसएससी (स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) फेज़-13 परीक्षा से प्रभावित हजारों उम्मीदवारों को आश्वासन दिया है। एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने पुष्टि की कि जिन छात्रों को परीक्षा के दौरान तकनीकी या अन्य व्यवधानों का सामना करना पड़ा, उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यानी वे अपनी गलती न होते हुए भी इस कारण से मौका नहीं खोएंगे।
यह विरोध तब शुरू हुआ जब कई परीक्षा केंद्रों पर सिस्टम फेलियर, सॉफ्टवेयर गड़बड़ियों और कमजोर व्यवस्थाओं के कारण परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं और उम्मीदवारों को दूर-दराज़ केंद्रों पर भेजा गया। कई शिक्षकों, जिनमें मशहूर “नीतू मैम” भी शामिल हैं, ने प्रभावित छात्रों के हक़ में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) मुख्यालय पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
इसके अलावा, मंत्री सिंह ने 100 रुपये की ‘चैलेंज फीस’ को लेकर उठी चिंताओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र किसी गलत प्रश्न को सफलतापूर्वक चुनौती देता है, तो उसकी फीस पूरी तरह लौटाई जाएगी। एसएससी सीपीओ परीक्षा का परिणाम एक हफ्ते के भीतर आने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे परीक्षाओं में हो रही देरी पर कार्मिक विभाग और रेलवे मंत्रालय के बीच चर्चा चल रही है।
एसएससी चेयरमैन एस. गोपालकृष्णन ने परीक्षा आयोजन में हुई गड़बड़ियों को स्वीकार किया, जिनमें खराब हार्डवेयर, दूर-दराज़ केंद्रों का आवंटन और अन्य व्यवस्थागत नाकामियां शामिल हैं। हालांकि उन्होंने पूरी परीक्षा रद्द करने से इनकार किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि प्रभावित उम्मीदवारों के लिए पुनः परीक्षा कराई जाएगी।
सरकार ने परीक्षाओं का जिम्मा संभालने वाली कंपनी ‘एडक्विस्ट करियर टेक्नोलॉजीज’ के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है, और दस्तावेज़ी सबूत मिलने पर उसे दंडित किया जाएगा।
कुल मिलाकर, सरकार ने प्रदर्शन के दबाव में ठोस राहत उपायों का ऐलान किया है — प्रभावित छात्रों को पुनः परीक्षा देने का मौका मिलेगा, सही चुनौती पर फीस वापस होगी, और परीक्षा प्राधिकरण की गड़बड़ियों पर औपचारिक कार्रवाई की जाएगी।