केरल में कक्षा 9 के छात्र की आत्महत्या: अभिभावकों ने स्कूल पर आरोप लगाए
केरल में कक्षा 9 के छात्र की आत्महत्या: अभिभावकों ने स्कूल पर आरोप लगाए
केरल के कोच्चि के समीप त्रिप्पुनुथुरा इलाके में जनवरी में शोकजनक घटना हुई—15 वर्षीय कक्षा 9 के छात्र मिहिर अहमद ने अपनी घर की 26वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। उनकी मां राजना पीएम का कहना है कि मिहिर को स्कूल—Global Public School, Thiruvaniyoor—and गंतव्य स्कूल GEMS Modern Academy में भेजे जाने के बाद कई महीनों तक मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। खासकर Global Public School में सहपाठियों ने उसे शौचालय चाटने को मजबूर किया, उसके सिर को फ्लश में डाला गया, और रंगभेदो से तंग किया गया—यह सब सोशल मीडिया चैट और स्क्रीनशॉट्स से सामने आया ।
मिहिर जनवरी 15, 2025 को स्कूल से वापस घर आया था। दोपहर 2:45 बजे स्कूल से लौटे और 3:50 बजे उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया । अभिभावकों ने तुरंत पुलिस और शिक्षा निदेशक को लिखित शिकायत दी, जिसमें उन्होंने स्कूल और उनके छात्रों पर गंभीर आरोप लगाए।
स्कूल प्रबंधन ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। Global Public School के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास प्रताड़ना के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य या गवाह बयान नहीं मिला है, और उन्हें आत्महत्या प्रेरणा का कोई भी प्रमाण नहीं मिला । हालांकि दूसरी ओर Kerala State Commission for Protection of Child Rights ने स्वयंसिद्ध जांच शुरू की, और शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी एक व्यापक जांच का आदेश दिया, जिसमें स्कूल प्रशासन पर संभावित लापरवाही और प्रकटीकरण की कमी की जांच होगी ।
पुलिस ने हत्या या आत्महत्या प्रेरणा के तहत मामला दर्ज कर लिया है, और Kerala पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने गवाहों—सहपाठियों, शिक्षकों और स्कूल अधिकारियों—के बयानों को दर्ज किया है। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों पर काम जारी है ।
मिहिर की मां ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “मेरा प्यारा बेटा, जिसकी खुशी और मासूमियत के लिए हम गर्व करते थे, उसे बेरहमी से परेशान किया गया…हम न्याय चाहते हैं” । इस दर्दनाक घटना ने Kerala में स्कूलों में रैगिंग और छेड़खानी पर गंभीर बहस छेड़ दी है। राज्य में कई स्कूलों में ऐसे मामलों की जांच तेज़ हो गई है, और अधिकारियों ने कहा है कि अब शिक्षा संस्थानों में निगरानी बढ़ेगी।
आज सवाल यही है कि क्या इस घटना से स्कूल और सरकारी तंत्र को चेतना मिलेगी? क्या कोच्चि और पूरे केरल में बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर अब शिक्षकों, माता-पिता और नीतिनिर्माताओं का ध्यान अधिक केंद्रित होगा? इस केस की अगली सुनवाइयों और जांच की रिपोर्ट पर कई की निगाह टिकी हुई है।