भारत के इन जिलों में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं, दो दिन बाद मनाया जाता है – वजह जानें

Updated on 2025-08-13T16:49:43+05:30

भारत के इन जिलों में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं, दो दिन बाद मनाया जाता है – वजह जानें

भारत के इन जिलों में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं, दो दिन बाद मनाया जाता है – वजह जानें

भारत में हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में आज़ादी का जश्न उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस बार देश अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिन हमें आज़ादी की कीमत और महत्व की याद दिलाता है। लेकिन भारत में दो जिले — मालदा और नदिया (पश्चिम बंगाल) — ऐसे हैं, जहां 15 अगस्त नहीं बल्कि 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

क्यों मनाते हैं 18 अगस्त को?

15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ, लेकिन उस समय मालदा और नदिया पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में शामिल थे। यहां आज़ादी का जश्न नहीं बल्कि विरोध प्रदर्शन हुआ, क्योंकि लोग पाकिस्तान में शामिल होने से नाराज़ थे। इन क्षेत्रों को भारत में शामिल करने में तीन दिन लगे। 17 अगस्त की रात को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने बंटवारे के नक्शे में सुधार किया और ये क्षेत्र भारत का हिस्सा बन गए। तब से यहां 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

नक्शा बदलने के पीछे की भूमिका

इस बदलाव में पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी और नदिया के शाही परिवार जैसे नेताओं का बड़ा योगदान था। उन्होंने ब्रिटिश प्रशासन पर दबाव डालकर इन क्षेत्रों को भारत में शामिल करवाया।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व

15 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और ऐतिहासिक भाषण दिया। यह दिन सिर्फ आज़ादी की याद नहीं दिलाता, बल्कि हमें उन बलिदानों की भी याद दिलाता है जो स्वतंत्रता सेनानियों ने दिए। यह दिन एकजुटता, गर्व और देश के प्रति कर्तव्य की भावना को मजबूत करता है। हर साल लाल किले पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और स्कूलों, कॉलेजों व सरकारी संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति के आयोजन होते हैं।