पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस फैसले के तहत 2016 में नियुक्त किए गए 26,000 से अधिक शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती को अवैध करार दिया गया है। इस निर्णय के बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: शिक्षक भर्ती रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में पश्चिम बंगाल में हुई शिक्षक और अन्य कर्मचारियों की भर्ती को अवैध ठहराया है, जिससे 26,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। यह फैसला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते आया है, जिसने राज्य की शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुकांत मजूमदार का ममता बनर्जी पर हमला
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण योग्य शिक्षक सड़कों पर आ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को एक ऐसा बाजार बना दिया है जहां नौकरियां खरीदी और बेची जाती हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो रहा है।
योग्य उम्मीदवारों के समर्थन में बयान
मजूमदार ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा, जो इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुई थी, अब नौकरी खोने के कारण रो रही है। उन्होंने कहा कि यह ममता बनर्जी और उनकी सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इन योग्य उम्मीदवारों के भविष्य की चिंता करें और उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता प्रदान करें।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने खाली पदों को तुरंत भरने की अपील की है। यह मामला राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने पश्चिम बंगाल की शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को बल दिया है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और प्रभावित उम्मीदवारों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए क्या उपाय करती है।