पानीपत में मासूमों की मौत के पीछे आखिर कौन सा सच छिपा था
पानीपत में मासूमों की मौत के पीछे आखिर कौन सा सच छिपा था
हरियाणा के पानीपत में सामने आया यह मामला इतना डरावना है कि इसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए। परिवार में हुए लगातार बच्चों के मौत के मामलों ने पहले सबको स्तब्ध किया, फिर जब सच सामने आया तो पूरे इलाके में सन्नाटा फैल गया।
शुरुआत अपने ही बेटे की मौत से हुई, जिसे परिवार ने एक सामान्य घटना मानकर स्वीकार कर लिया। किसी को अंदेशा भी नहीं था कि यही घटना आने वाले बड़े अपराधों की शुरुआत थी। कुछ महीने बाद भांजी की अचानक मौत ने परिवार को फिर झटका दिया, लेकिन तब भी किसी ने इसे किसी साजिश से नहीं जोड़ा। तीसरी घटना तब हुई जब भतीजी भी रहस्यमयी हालात में मर गई। तीनों बच्चों की उम्र कम थी, तीनों की मौतें अचानक हुईं और तीनों मामले घर के भीतर से जुड़े थे, यही बात पुलिस के संदेह का कारण बनी।
जांच शुरू हुई तो सुराग उसी महिला की ओर इशारा करने लगे, जो इन बच्चों की चाची थी, पूनम। पूछताछ के दौरान जो बातें सामने आईं, वे समाज और इंसानियत दोनों को हिलाकर रख देने वाली थीं। पुलिस के अनुसार, पूनम बच्चों की सुंदरता और उनसे मिलने वाले परिवार के प्यार से जलने लगी थी। उसके भीतर ऐसी असामान्य ईर्ष्या भर गई थी कि वह मासूमों को अपना प्रतिद्वंद्वी समझने लगी। धीरे-धीरे उसने एक खतरनाक मानसिक स्थिति में पहुंचकर बच्चों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई।
सबसे भयावह बात यह थी कि हर घटना के बाद वही महिला सबसे ज्यादा रोती-बिलखती नजर आती थी, जिससे किसी को उस पर जरा भी शक नहीं हुआ। परिवार को भरोसा था कि वह टूट चुकी है, जबकि असल में वही इन मौतों की वजह थी। पोस्टमार्टम और मेडिकल रिपोर्ट्स ने कई बातें साफ कीं, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इस खुलासे ने पूरे इलाके को भय और सदमे में डाल दिया है। रिश्तेदारों का कहना है कि उन्हें कभी अंदेशा भी नहीं था कि उनके घर की एक महिला के मन में इतना अंधेरा भरा हो सकता है। अब पुलिस यह भी जांच रही है कि पूनम की मानसिक स्थिति कितनी बिगड़ चुकी थी और क्या उसने पहले भी ऐसे व्यवहार के संकेत दिए थे।
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है, कभी-कभी सबसे क्रूर खतरा वहीं छिपा होता है जहां हम सबसे सुरक्षित महसूस करते हैं।