मुरीदके पर हमले को लेकर मौलाना ने मुनीर को क्यों घेरा

Updated on 2025-12-23T17:26:06+05:30

मुरीदके पर हमले को लेकर मौलाना ने मुनीर को क्यों घेरा

मुरीदके पर हमले को लेकर मौलाना ने मुनीर को क्यों घेरा

पाकिस्तान के लाहौर स्थित लयारी इलाके में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसने सियासी हलकों में हलचल मचा दी। मौलाना ने खुले मंच से कहा कि अगर भारत ने मुरीदके में हमला किया, तो इसमें गलत क्या था। उनके इस बयान को भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर से जोड़कर देखा जा रहा है।

मौलाना फजलुर रहमान का कहना था कि मुरीदके जैसे इलाकों में लंबे समय से आतंकी संगठनों के ठिकाने होने की बातें खुद पाकिस्तान के भीतर उठती रही हैं। ऐसे में अगर भारत ने इन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया, तो पहले पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने यह भी इशारा किया कि सेना और सरकार हमेशा हर घटना का दोष भारत पर डालकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाती रही है।

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रही है। कई पाकिस्तानी यूजर्स इसे सत्ता के खिलाफ सच बोलने की हिम्मत बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग मौलाना पर भारत का पक्ष लेने का आरोप लगा रहे हैं। खास बात यह है कि यह बयान ऐसे समय आया है, जब पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मौलाना फजलुर रहमान का यह बयान पाकिस्तान के भीतर बढ़ते असंतोष को दिखाता है। आर्थिक संकट, सुरक्षा हालात और आतंकी नेटवर्क को लेकर जनता में सवाल पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में धार्मिक नेता द्वारा सेना प्रमुख पर अप्रत्यक्ष सवाल उठाना सत्ता के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।

फिलहाल पाकिस्तानी सेना या जनरल असीम मुनीर की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इतना साफ है कि भारत की कार्रवाई को लेकर अब पाकिस्तान के अंदर भी एकतरफा कहानी पर सवाल उठने लगे हैं, जो आने वाले दिनों में वहां की राजनीति और सेना-सिविल समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं।