Gen Z को क्यों चढ़ रही डाइट कोल्ड ड्रिंक्स की लत? हेल्दी विकल्प या नया खतरा?
Gen Z को क्यों चढ़ रही डाइट कोल्ड ड्रिंक्स की लत? हेल्दी विकल्प या नया खतरा?
शहरों के कैफे, कॉलेज कैंपस और ऑफिस ब्रेक टाइम में आजकल एक ट्रेंड तेजी से उभर रहा है—डाइट कोल्ड ड्रिंक्स की बढ़ती लत। खासकर युवाओं, यानी Gen Z के बीच डाइट कोक और शुगर-फ्री सॉफ्ट ड्रिंक्स को ‘हेल्दी विकल्प’ मानकर तेजी से अपनाया जा रहा है। लेकिन क्या ये वाकई सेहतमंद हैं, या एक नई आदत बनती जा रही है खामोश खतरा?
डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डाइट ड्रिंक्स में भले ही शुगर ना हो, लेकिन इनमें मौजूद आर्टिफिशियल स्वीटनर्स जैसे एस्पार्टेम और सुक्रालोज़ का लंबे समय तक सेवन शरीर के मेटाबॉलिज्म पर असर डाल सकता है। कुछ रिसर्च के अनुसार, ये मीठे विकल्प पेट की भूख को बढ़ा सकते हैं और माइग्रेन, चिंता और अनिद्रा जैसे लक्षण भी बढ़ा सकते हैं।
इसके बावजूद युवा वर्ग इन्हें “गिल्ट-फ्री” पीने का विकल्प मान रहा है। सोशल मीडिया और ब्रांडिंग के चलते इन्हें फिटनेस का साथी बताया जा रहा है, लेकिन ज़्यादा सेवन धीरे-धीरे लत का रूप ले रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप ठंडा पीना ही चाहते हैं, तो नारियल पानी, नींबू शरबत, या फ्रूट-इंफ्यूज्ड वॉटर जैसे विकल्प ज़्यादा बेहतर और सुरक्षित हैं।
डाइट कोल्ड ड्रिंक्स की यह आदत आज की युवा पीढ़ी की ‘हेल्दी दिखने’ की चाह तो दर्शाती है, लेकिन इसके पीछे छुपे स्वास्थ्य जोखिमों को नजरअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है। सही जानकारी और संतुलन ही असली हेल्थ है।