NEET-UG 2025 दोबारा क्यों कराने की मांग हुई, काउंसलिंग कैसे होती है, जानें पूरी जानकारी
NEET-UG 2025 दोबारा क्यों कराने की मांग हुई, काउंसलिंग कैसे होती है, जानें पूरी जानकारी
NEET-UG 2025 : NEET-UG भारत की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा है, जिसमें हर साल करीब 20 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होते हैं। लेकिन इस साल 4 मई 2025 को हुई परीक्षा में कई केंद्रों पर तकनीकी खराबी और बिजली कटने की वजह से छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी, खासकर मध्य प्रदेश के परीक्षा केंद्रों पर।
क्या थी छात्रों की मांग?
छात्रों का कहना था कि जब परीक्षा के दौरान बिजली चली गई और सिस्टम खराब हो गया, तो उन्हें सही से परीक्षा देने का मौका नहीं मिला। इसी वजह से उन्होंने पुन: परीक्षा (री-एग्जाम) और काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की।
मामला कोर्ट तक पहुंचा
छात्रों ने पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद 14 जुलाई को वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि काउंसलिंग नहीं रोकी जाएगी और अंतिम सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
अब क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर पहले ही इस मामले की पूरी जांच कर ली थी, इसलिए उसमें दखल देने की जरूरत नहीं है।
जिन्हें काउंसलिंग में भाग लेना है, वे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
सुप्रीम कोर्ट की बेंच (जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर) ने कहा कि जो छात्र काउंसलिंग के लिए योग्य हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन और काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने की पूरी अनुमति है।
NEET-UG काउंसलिंग कैसे होती है? (Simple Explanation)
कई राउंड में काउंसलिंग होती है।
- पहले राउंड में छात्रों को उनकी रैंक और मेरिट के आधार पर मेडिकल या डेंटल कॉलेज की सीट दी जाती है।
- अगर कोई छात्र अपनी सीट से संतुष्ट नहीं है, तो वो अगले राउंड में अपग्रेड का विकल्प चुन सकता है।
- लेकिन अगर कोई छात्र सीट को कन्फर्म (पक्की) करता है, तो उसे सभी जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ संबंधित कॉलेज में जाकर रिपोर्ट करना होता है।