Poila Boisakh 2025 Date: पोइला बोइशाख, बंगाली नववर्ष, 14 या 15 अप्रैल को?
Poila Boisakh 2025 Date: पोइला बोइशाख, बंगाली नववर्ष, 14 या 15 अप्रैल को?
Poila Boisakh 2025 Date: दुनिया भर में नया साल 1 जनवरी को ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से मनाया जाता है, लेकिन भारत में विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के लोग अलग-अलग तिथियों पर नववर्ष मनाते हैं। हिंदू नववर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है, सिख नववर्ष वैशाखी, पारसी नववर्ष नवरोज पर और जैन समुदाय दिवाली के अगले दिन नववर्ष मनाता है। बंगाली समुदाय पोइला बोइशाख को नववर्ष के रूप में मनाता है।
पोइला बोइशाख 2025 में कब है? पोइला बोइशाख बंगाली नववर्ष का पहला दिन होता है। यह हर साल अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है, और 2025 में यह 15 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन बंगाली संवत 1432 की शुरुआत होती है।
पोइला बोइशाख पर क्या करते हैं लोग?
लोग एक-दूसरे को "शुभो नोबो बोरसो" कहकर नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं।
महिलाएं सफेद रंग की साड़ी और लाल बॉर्डर पहनती हैं, और पुरुष धोती-कुर्ता पहनते हैं।
सुबह जुलूस और गीत-नृत्य होते हैं।
लोग नया बंगाली पंचांग (पंजिका) खरीदते हैं।
घरों में पारंपरिक भोजन जैसे भात, माछ, और पायेश तैयार किए जाते हैं।
लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है।
नए काम, व्यापार की शुरुआत, गृह प्रवेश जैसी शुभ कामों के लिए यह दिन खास माना जाता है।
पोइला बोइशाख का इतिहास पोइला बोइशाख का इतिहास मुगलों से जुड़ा है। मुगलों के समय में हिजरी कैलेंडर था, जो चंद्र पर आधारित था और हर साल तिथियां बदलती रहती थीं, जिससे किसानों को दिक्कत होती थी। अकबर ने इसके समाधान के लिए एक नया कैलेंडर लागू किया, जिसे बंगाली संवत कहा जाता है, और इसका पहला साल 594 ईस्वी में शुरू हुआ