Sawan Parthiv Shivling Puja: सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करते समय ये गलती ना करें, वरना मिल सकता है पाप
Updated on 2025-07-15T15:41:37+05:30
Sawan Parthiv Shivling Puja: सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करते समय ये गलती ना करें, वरना मिल सकता है पाप
सावन का पहला सोमवार बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन कई लोग घर या मंदिर में मिट्टी का शिवलिंग (पार्थिव शिवलिंग) बनाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इससे घर में सुख-शांति, धन और समृद्धि आती है। लेकिन अगर पूजा में कुछ जरूरी नियमों का पालन न किया जाए, तो पुण्य की जगह पाप भी लग सकता है।
पार्थिव शिवलिंग पूजा की शुरुआत कैसे हुई?
शिवपुराण के अनुसार, कलयुग की शुरुआत में कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने सबसे पहले पार्थिव शिवलिंग की पूजा शुरू की थी। साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि भगवान राम ने लंका पर विजय से पहले पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा की थी।
पार्थिव शिवलिंग कैसे बनाएं?
- साफ और पवित्र मिट्टी (जैसे नदी या गमले की मिट्टी) का ही उपयोग करें।
- मिट्टी को पानी से धोकर उसमें गाय का गोबर, गुड़, घी, मक्खन और भस्म मिलाएं।
- शिवलिंग की ऊंचाई 12 अंगुल (यानी अंगूठे से ऊंचा) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- बनाते समय "ॐ नमो हराय" मंत्र का जाप करें।
- ध्यान रखें: इस शिवलिंग पर चढ़ाया गया भोग खुद न खाएं। इसे गाय को खिलाना शुभ माना जाता है।
पूजा कैसे करें?
- प्रदोष काल (शाम का समय) पूजा के लिए सबसे अच्छा होता है।
- उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग बनाएं।
- पहले गणेश जी, विष्णु जी, नवग्रह और माता पार्वती का आह्वान करें।
- फिर "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल और पंचामृत चढ़ाएं।
- फूल, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाकर शिव चालीसा का पाठ करें।
- अंत में शिव जी से विदा लेकर शिवलिंग का जल में विसर्जन करें।