हज और उमराह में मुस्लिम महिलाएं क्यों काटती हैं अपने बाल? जानिए धार्मिक कारण
हज और उमराह में मुस्लिम महिलाएं क्यों काटती हैं अपने बाल? जानिए धार्मिक कारण
इस्लाम धर्म में हज और उमराह के दौरान कुछ विशेष अनुष्ठान अनिवार्य माने गए हैं, जिनमें से एक है 'तक़सीर' (Taqsir)। यह अनुष्ठान महिलाओं के लिए आवश्यक होता है, जिसमें वे अपने बालों के सिरों से लगभग एक उंगली की लंबाई (लगभग 1 इंच) तक काटती हैं। यह क्रिया हज या उमराह के अन्य अनुष्ठानों, जैसे इहराम, तवाफ और सई, के पूर्ण होने के बाद की जाती है।
महिलाओं के लिए सिर के बाल पूरी तरह से मुंडवाना आवश्यक नहीं होता, बल्कि केवल बालों को छोटा करना ही पर्याप्त होता है। इसका उद्देश्य आध्यात्मिक शुद्धता और अल्लाह के प्रति समर्पण को दर्शाना है। यह अनुष्ठान इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार महिलाओं के लिए अनिवार्य है और इसे पूरा किए बिना हज या उमराह की प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाती।
इस प्रकार, हज और उमराह के दौरान मुस्लिम महिलाओं द्वारा बाल काटना एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो उनकी आस्था और समर्पण का प्रतीक है।