गुरु की अत्यधिक चाल 2025 में सुख लाएगी या संकट, क्या होगा असर?

Updated on 2025-05-03T12:02:39+05:30

गुरु की अत्यधिक चाल 2025 में सुख लाएगी या संकट, क्या होगा असर?

गुरु की अत्यधिक चाल 2025 में सुख लाएगी या संकट, क्या होगा असर?

गुरु ग्रह का अतिचारी गोचर 2025 में न सिर्फ आपकी कुंडली, बल्कि वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। अगर सही समय पर उपाय और ज्योतिषीय सलाह ली जाए तो इन प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है। जब गुरु अतिचारी होते हैं, तो इसका क्या असर पड़ता है, आइए कुछ ऐतिहासिक उदाहरणों से समझते हैं।

गुरु की अतिचारी चाल
वैदिक ज्योतिष में अतिचारी चाल का मतलब है तेज़ गति से चलना। इसका मतलब यह है कि गुरु जिस राशि में होते हैं, वहां सामान्य गति से नहीं बल्कि तेजी से गोचर करते हैं।

आमतौर पर गुरु एक राशि में 12-13 महीने रहते हैं, लेकिन जब वह अतिचारी होते हैं, तो वे जल्दी राशि बदलते हैं और इससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे करियर, परिवार, प्यार, तरक्की आदि पर प्रभाव पड़ता है।

गुरु ग्रह को ज्ञान, करियर, शिक्षा, भाग्य, धर्म, संतान, धन और वैवाहिक जीवन से जोड़ा जाता है। जब गुरु अतिचारी होते हैं, तो इन क्षेत्रों पर उनका प्रभाव जल्दी दिखता है।

गुरु 2025 में तीन बार बदलेंगे चाल
गुरु ग्रह 14 मई 2025 को मिथुन राशि में अतिचारी चाल से गोचर करेंगे, फिर 11 नवंबर को वक्री चाल चलते हुए, 5 दिसंबर को फिर से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। गुरु अतिचारी चाल में तीन गुना तेज़ी से चलते हैं और बहुत कम समय में राशि बदलते हैं। इस प्रभाव से मेष, सिंह, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशियों के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं।

गुरु की अतिचारी चाल से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं

  • महाभारत युद्ध: जब गुरु आठ साल के लिए अतिचारी थे, तब कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत हुआ।
  • द्वितीय विश्व युद्ध: 1938 में गुरु अतिचारी हुए थे और इसके बाद हिटलर के हमले और 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध हुआ।
  • भारत की आज़ादी: 1947 में भी गुरु अतिचारी थे, जब देश स्वतंत्र हुआ।
  • कोरोना महामारी: 2020 में गुरु अतिचारी हुए थे, और इसका असर दुनिया भर में कोरोना महामारी के रूप में दिखा, जिससे लाखों लोगों की जान गई और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ।