Devuthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी तिथि और पारण का समय क्या?
Updated on 2025-10-29T11:34:16+05:30
Devuthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी तिथि और पारण का समय क्या?
Devuthani Ekadashi 2025:कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी हिंदू धर्म में बहुत खास मानी जाती है. इसे देवउठनी, देवोत्थान या प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है। चातुर्मास के दौरान विवाह और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते, लेकिन देवउठनी एकादशी से ही इन सभी शुभ कामों की शुरुआत होती है।
देवउठनी एकादशी 2025 की तारीख
इस साल एकादशी की तिथि 1 और 2 नवंबर, दोनों दिन पड़ रही है, इसलिए लोगों में भ्रम है कि व्रत किस दिन रखा जाए।
- एकादशी तिथि शुरू: 1 नवंबर सुबह 09:11 बजे
- समाप्त: 2 नवंबर सुबह 07:11 बजे
गृहस्थ लोग 1 नवंबर को व्रत रख सकते हैं।
वैष्णव परंपरा वाले 2 नवंबर को उदयातिथि के आधार पर व्रत रखेंगे।
वृंदावन इस्कॉन में पूजा 2 नवंबर को की जाएगी।
महत्वपूर्ण समय
- देवउठनी एकादशी (गृहस्थ): 1 नवंबर 2025
- देवउठनी एकादशी (वैष्णव संप्रदाय): 2 नवंबर 2025
- व्रत पारण समय: 2 नवंबर दोपहर 01:11 से 03:23 तक
- हरि वासर समाप्ति: 2 नवंबर दोपहर 12:55
- गौण एकादशी पारण: 3 नवंबर सुबह 06:34 से 08:46 तक
आसान पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- सूर्य देव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थान पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान को रोली, चंदन, पीले फूल, फल, तुलसी, हल्दी और मिठाई अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाकर देवउठनी एकादशी की कथा पढ़ें और विष्णु जी के मंत्रों का जप करें।
- आरती करें और भगवान से क्षमा याचना करें।
- पूरे दिन व्रत रखें और अगले दिन पारण करके व्रत समाप्त करें।