MS धोनी को 2025 के ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया
MS धोनी को 2025 के ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया
ICC ने सोमवार को लंदन में आयोजित एक विशेष समारोह में महेंद्र सिंह धौनी को 2025 के हॉल ऑफ फेम में शुमार किया, वह इलेवनवें भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं जिन्हें ये गौरव मिला । तीनों आईसीसी सीमित ओवरों की चैंपियनशिप (T20 2007, 50-ओवर विश्व कप 2011, चैम्पियंस ट्रॉफी 2013) जीतने वाले धौनी अब ये विशिष्ट सम्मान पाने वाले एकमात्र कप्तान बन गए हैं ।
Unorthodox, unconventional and effective ????
— ICC (@ICC) June 9, 2025
A cricketer beyond numbers and statistics ????
MS Dhoni is inducted in the ICC Hall of Fame ????
More ➡️ https://t.co/oV8mFaBfze pic.twitter.com/AGRzL0aP79
ICC ने बताया कि धौनी ने 538 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 17,266 रन बनाए और विकेटकीपिंग में 829 कैच व स्टंपिंग की, जिससे उनकी काबिलियत और निरंतरता का प्रमाण मिलता है । ICC ने उनकी मानसिक स्थिरता, कप्तानी की प्रतिभा और फिनिशर के कौशल को भी इस चयन का प्रमुख कारण बताया ।
समारोह में मौजूद पूर्व कोच रवि शास्त्री ने मजाकिया भाव में कहा कि धौनी छक्के नहीं मारते, लेकिन स्टंपिंग तो “पिन से तेज” करते हैं—उनके पैरों का एक्शन “पिकपॉकेट से भी तेज” है ।
धौनी ने कहा, “ICC हॉल ऑफ फेम में नाम होना सम्मान की बात है। इतना बड़ा सम्मान ऐसे महान खिलाड़ियों के बीच होना यादगार है” ।
ICC ने 2025 में सात दिग्गजों को सम्मानित किया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन, दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला, सारा टेलर, सना मीर, डैनियल वेट्टोरी और ग्रेहम स्मिथ भी शामिल हैं । समारोह ‘अ डे विद दी लीजेंड्स’ का हिस्सा था, जो इस साल टेस्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप फाइनल से दो दिन पहले हुआ
संक्षेप में:
धौनी ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होकर भारतीय क्रिकेट में इतिहास रचते हुए देशवासियों को गर्व से सराबोर कर रहे हैं। यह सम्मान उनके शांत अंदाज, रणनीतिक सोच और कप्तान एवं खिलाड़ी के रूप में संतुलित योगदान का प्रतीक है।
आगे की राह:
ICC हॉल ऑफ फेम सम्मान क्या धौनी के भविष्य के कार्यक्रमों में बदलाव लाएगा?
वह चेन्नई सुपर किंग्स के लिए फिनिशर की भूमिका कितने समय तक निभाएंगे?
युवा क्रिकेटर्स पर धौनी की विरासत और उसके असर का आकलन कैसे होगा?
इस महान उपलब्धि के साथ भारत का क्रिकेट इतिहास और समृद्ध हुआ है—धौनी के योगदान को यह सर्वोच्च सम्मान एक प्रेरक मिसाल बना गया है।