यूरोपीय मोर्चे पर अगला युद्ध? पुतिन और नाटो की नई टकराव की गंभीर चेतावनी
यूरोपीय मोर्चे पर अगला युद्ध? पुतिन और नाटो की नई टकराव की गंभीर चेतावनी
रूस के पास लगभग 15 लाख सक्रिय सैनिक और 5,580 परमाणु हथियार हैं, जबकि नाटो के पास कुल मिलाकर लगभग 35 लाख सैनिक मौजूद हैं । हालांकि औपचारिक संघर्ष की संभावना कम है, राजनीतिज्ञों और रक्षा विशेषज्ञ हाइब्रिड—यानी साइबर, जासूसी व टेक्नोलॉजी आधारित—युद्ध रणनीति को लेकर सतर्क कर रहे हैं ।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस को अपनी सेना को फिर से सशक्त बनाने में लगभग 5 साल का समय लगेगा—इस दौरान अगले ‘स्लो मोशन’ मोर्चे की तैयारी पूरी की जा सकती है ।
बाल्टिक देश (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया): कमजोर जनसंख्या और रूस के करीब होने की वजह से ये क्षेत्रों में सबसे पहले निशाना हो सकते हैं ।
पोलैंड: ‘Suwalki Gap’ नामक रणनीतिक क्षेत्र में टकराव की आशंका—रूस की उस दिशा में तेजी से मजबूत आक्रमणवाद की संभावनाएं नाटो के लिए अलार्म हैं ।
विश्लेषकों के अनुसार, रूस का आगे का मोर्चा ‘ग्री फ्रन्ट’ (गैर-रविवार युद्ध) के रूप में नजर आ सकता है—जिसमें पारंपरिक लड़ाई के बजाय साइबर हमलों, ड्रोन स्ट्राइक और खबरों में भ्रामक गतिविधियाँ शामिल होंगी ।
नाटो की जवाबी तैयारियाँ:
- जर्मनी ने अपने रक्षा बजट को बढ़ाकर 5% GDP लक्ष्य तय किया है और नाटो का मुकाबला स्तर मजबूत कर रहा है ।
- ब्रिटेन AUKUS समझौते के तहत 12 नए न्यूक्लियर-संचालित पनडुब्बी बेच रहा है, जिनमें टॉमहॉक मिसाइल की शक्ति है ।
- नाटो के पूर्व दु्यात्पो समूह कमांडर सर रिचर्ड शिर्रेफ ने चेतावनी दी कि यूरोप को अब से 2029 तक तैयारी करनी होगी—नहीं तो रूसी हमले की आशंका बनी रहेगी।
यूक्रेन के बाद अब पोलैंड या बाल्टिक देशों में संघर्ष का खतरा मंडरा रहा है। रूस पूंजीकृत “हाइब्रिड” रणनीतियों से पूर्वी यूरोप में जल्द आक्रमण कर सकता है। इस स्थिति में नाटो को नए हथियार, साइबर रक्षा, ड्रोन सिस्टम और सामरिक प्रभुत्व को बढ़ाना होगा, ताकि भविष्य में यूरोप में फिर से कोई युद्ध न छिड़े।