Last Updated May - 28 - 2025, 02:30 PM | Source : Fela News
दूसरे वर्ष की आईटी छात्रा ने कॉलेज से निष्कासन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट से परीक्षा में शामिल होने की इजाजत मांगी है।
सिंहगढ़ एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे की दूसरी वर्ष की इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी छात्रा ने अपने रस्टिकेशन (कॉलेज से निष्कासन) के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। छात्रा ने कोर्ट से अपील की है कि उसे आगामी परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाए।
छात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि कॉलेज द्वारा उसे बिना उचित कारण और प्रक्रिया के निष्कासित किया गया है, जिससे उसकी पढ़ाई और भविष्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कॉलेज प्रशासन से जवाब मांगा है।
फिलहाल छात्रा का आग्रह है कि जब तक कोर्ट में अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक उसे परीक्षा में शामिल होने की अस्थायी अनुमति दी जाए। यह मामला छात्रों के अधिकारों और संस्थानों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की पारदर्शिता को लेकर एक अहम मिसाल बन सकता है।
आगामी सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि छात्रा को परीक्षा में बैठने की इजाजत दी जाए या नहीं, और साथ ही कॉलेज द्वारा की गई कार्रवाई की वैधता भी परखी जाएगी।