Last Updated Aug - 25 - 2025, 11:11 AM | Source : Fela News
Family Court Judge Udayakumar V: फैमिली कोर्ट बनने से पहले घरेलू मामले जिला न्यायालय में ही सुने जाते थे। न्यायालयों पर बढ़ते बोझ और सुनवाई में देरी को कम करने
केरल हाई कोर्ट ने महिलाओं के खिलाफ अश्लील टिप्पणियों के आरोप में फैमिली कोर्ट के एक जज का ट्रांसफर कर दिया है। चावारा फैमिली कोर्ट के जज उदयकुमार वी को कोल्लम मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्राइब्यूनल भेजा गया है। वहीं, ट्राइब्यूनल के जज प्रसन्ना गोपालन को फैमिली कोर्ट में नियुक्त किया गया है।
क्या है मामला?
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला ने कोल्लम के प्रधान जिला जज को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि काउंसलिंग के दौरान जज महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करते हैं और अश्लील टिप्पणियां करते हैं। इसी शिकायत के बाद यह कार्रवाई हुई।
हाई कोर्ट का आदेश
हाई कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार ने म्यूचुअल ट्रांसफर का आदेश जारी कर दिया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई भी की जा सकती है।
फैमिली कोर्ट का काम
फैमिली कोर्ट की स्थापना 1984 के परिवार न्यायालय अधिनियम के तहत हुई थी। यहां शादी, तलाक, पारिवारिक विवाद, विरासत और गोद लेने से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है।
फैमिली कोर्ट बनने से पहले ऐसे मामले जिला अदालतों में सुने जाते थे, जिससे केसों की संख्या और देरी बढ़ जाती थी। फैमिली कोर्ट का मकसद घरेलू और पारिवारिक विवादों का जल्द समाधान करना है। अगर यहां समस्या हल नहीं होती तो मामला मध्यस्थता (मेडिएशन) में जाता है, और वहां भी समाधान न मिलने पर केस ऊपरी अदालत भेजा जाता है।