Last Updated Jun - 02 - 2025, 02:21 PM | Source : Fela News
40 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है कि 7 मई को बिना उनकी बात सुने तोड़फोड़ का आदेश दिया गया।
दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में मकान तोड़ने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर अब जुलाई में सुनवाई होगी। कोर्ट ने फिलहाल डिमोलिशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे बाकी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करें।
40 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 7 मई को कोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना उनके घरों को गिराने का आदेश दे दिया। इसके बाद डीडीए ने 15 दिन में मकान खाली करने का नोटिस लगा दिया है।
29 मई को यह मामला सुप्रीम कोर्ट की उस बेंच के सामने गया जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई कर रहे थे। याचिकाकर्ताओं के वकील ने जल्दी सुनवाई की मांग की, लेकिन शुरू में CJI ने उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा। फिर वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश से वे प्रभावित हुए हैं।
यह मामला खसरा नंबर 271 और 279 से जुड़ा है, जहां लोग काफी सालों से रह रहे हैं। उनका कहना है कि उनके पास ज़रूरी दस्तावेज हैं और उनकी कॉलोनी पीएम-उदय योजना के तहत नियमित हो सकती है। 2008 में दिल्ली सरकार उन्हें प्रोविजनल रेग्युलराइजेशन सर्टिफिकेट भी दे चुकी है।
याचिका वकील अदील अहमद ने दाखिल की, जिसमें कहा गया है कि डीडीए ने बिना सही तरीके से नोटिस दिए, 26 मई को सिर्फ घरों पर नोटिस चिपका दिया।
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