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रोज़ाना ध्यान करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है? जानिए विज्ञान क्या कहता है

रोज़ाना ध्यान करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है? जानिए विज्ञान क्या कहता है

Last Updated Jun - 21 - 2025, 11:16 AM | Source : Fela News

रोज़ाना ध्यान करने से तनाव घटता है, एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग की कार्यक्षमता बेहतर होती है। जानिए विज्ञान कैसे ध्यान को मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानता
रोज़ाना ध्यान करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?
रोज़ाना ध्यान करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

अगर आप रोज़ाना ध्यान करते हैं, तो सिर्फ मानसिक शांति ही नहीं, आपके दिमाग में भी वैज्ञानिक रूप से बदलाव आने लगते हैं। आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, नियमित मेडिटेशन (ध्यान) आपके मस्तिष्क की बनावट, कार्यप्रणाली और सोचने के तरीके को सकारात्मक रूप से बदल सकता है।

यह न सिर्फ तनाव को कम करता है, बल्कि याददाश्त, फोकस और भावनात्मक संतुलन को भी बेहतर बनाता है।

दिमाग पर ध्यान का असर — वैज्ञानिक दृष्टिकोण से

1. एमिग्डाला (Amygdala) का प्रभाव घटता है – यह हिस्सा भावनात्मक प्रतिक्रियाओं और डर को नियंत्रित करता है। ध्यान करने से इसका आकार और सक्रियता दोनों घटते हैं, जिससे गुस्सा और चिंता कम होती है।

2. ग्रे मैटर में वृद्धि – ध्यान से मस्तिष्क के ग्रे मैटर में बढ़ोतरी होती है, जो लर्निंग, मेमोरी और निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर बनाता है।

3. कॉर्टिकल थिकनेस बढ़ती है – खासकर प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में, जो सोचने और खुद को नियंत्रित करने का काम करता है।

4. फोकस और एकाग्रता बेहतर होती है – रोज़ाना कुछ मिनट का ध्यान भी ध्यान भटकाने की प्रवृत्ति को कम कर सकता है।

5. डोपामिन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है – जिससे व्यक्ति को सुकून और खुशी का अनुभव होता है।

सिर्फ मानसिक नहीं, न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए भी वरदान

विशेषज्ञों के मुताबिक, ध्यान एक तरह की ब्रेन एक्सरसाइज़ है जो न सिर्फ आपकी सोच को साफ़ करता है बल्कि मस्तिष्क की संरचना को भी बदलने की क्षमता रखता है। यह डिप्रेशन, स्ट्रेस, नींद की समस्या और यहां तक कि उम्र बढ़ने के असर को भी कम कर सकता है।

इसलिए अगर आप आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मानसिक सुकून और स्थिरता की तलाश में हैं, तो रोज़ाना 10–15 मिनट ध्यान करना आपकी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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