Last Updated Sep - 05 - 2025, 04:39 PM | Source : Fela News
जीएसटी काउंसिल ने बड़ा फैसला लेते हुए टैक्स स्लैब्स को घटाकर सिर्फ दो कर दिया है। इस बदलाव से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी और टैक्स प्रणाली सरल होगी।
जीएसटी काउंसिल ने आज ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जटिल टैक्स ढांचे को सरल बना दिया है। अब देश में सिर्फ दो जीएसटी स्लैब रहेंगे – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। नया स्ट्रक्चर 22 सितंबर से लागू होगा। सरकार का दावा है कि इससे आम जनता के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा और अर्थव्यवस्था को लगभग 48,000 करोड़ रुपये का बूस्ट मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद कहा कि यह सुधार “ease of living” और “ease of doing business” पर केंद्रित हैं। सबसे ज्यादा राहत खाने-पीने की चीजों, दवाओं, कृषि उपकरणों, ग्रीन एनर्जी, छोटे कार-बाइक और इंश्योरेंस पॉलिसियों पर दी गई है।
33 जीवन रक्षक दवाओं और सामान्य मेडिकल उपकरणों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। थर्मामीटर और ग्लूकोमीटर जैसे जरूरी सामान 5 प्रतिशत टैक्स स्लैब में होंगे। वहीं टीवी, एसी और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें अब 18 प्रतिशत टैक्स में आएंगी, जो पहले 28 प्रतिशत था। छोटे पेट्रोल-डीजल वाहनों को भी इसी दर में रखा गया है।
दूसरी ओर, लक्ज़री और ‘sin goods’ पर टैक्स बढ़ा है। तंबाकू उत्पादों, कोल्ड ड्रिंक्स, बड़ी कारों और 350 सीसी से ऊपर की बाइक्स पर 40 प्रतिशत ‘sin tax’ लगेगा।
आम आदमी के लिए राहत यह भी है कि रोजमर्रा की चीजें – जैसे तेल, शैम्पू, साबुन, डेयरी प्रोडक्ट्स, पास्ता, सॉस और स्नैक्स – अब सिर्फ 5 प्रतिशत स्लैब में आएंगे। ब्रेड, दूध और पनीर पर कोई टैक्स नहीं होगा। किसानों के लिए कृषि उपकरणों पर टैक्स घटाकर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया गया है। शिक्षा क्षेत्र को भी राहत मिली है, अब कॉपियां, पेंसिल, इरेज़र और क्रेयॉन्स पर टैक्स शून्य कर दिया गया है।
सरकार को उम्मीद है कि इस बड़े टैक्स रिफॉर्म से व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को आसानी होगी और बाजार में खपत बढ़ेगी।
Sep - 06 - 2025
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