Last Updated Dec - 09 - 2025, 01:28 PM | Source : Fela News
NCERT ने क्लास 7 सोशल साइंस की नई किताब में महमूद गजनवी, नालंदा और विक्रमशिला के विध्वंस समेत मध्यकालीन हमलों का विस्तार से विवरण शामिल किया है।
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने क्लास 7 की सोशल साइंस की नई किताब में बड़ा बदलाव किया है। नए शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए तैयार इस किताब में इतिहास के कई अध्यायों को विस्तार से और नए तरीके से लिखा गया है।
सबसे बड़ा बदलाव महमूद गजनवी से जुड़े हिस्से में हुआ है। पहले इसे सिर्फ एक छोटे पैराग्राफ में बताया जाता था, लेकिन अब यह “The Ghaznavi Invasions” नाम के छह पेज के सेक्शन में विस्तार से शामिल है। इसमें गजनवी के 17 हमलों की सूची, मथुरा और कन्नौज के मंदिरों पर हमले, गुजरात के सोमनाथ मंदिर पर हमला और शिवलिंग हटाने की घटना का पूरा विवरण दिया गया है।
किताब में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की जानकारी भी दी गई है। इसमें बताया गया है कि यह निर्माण कब और किसके द्वारा हुआ और इसका खर्चा आम लोगों के दान से क्यों उठाया गया। छात्रों के लिए कुछ सवाल भी रखे गए हैं ताकि वे इतिहास को सिर्फ पढ़ें नहीं बल्कि समझें।
गजनवी के हमलों में आम लोगों की हत्या, कैदियों को गुलाम बनाना और बच्चों को मध्य एशिया के गुलाम बाज़ारों में बेचने जैसी घटनाओं का भी विवरण है। ऐतिहासिक स्रोतों अल-उतबी और अल-बिरूनी के आधार पर गजनवी को शक्तिशाली लेकिन क्रूर कमांडर बताया गया है।
इस सेक्शन से पहले एक चेतावनी बॉक्स भी रखा गया है, जिसमें छात्रों को समझाया गया है कि इतिहास में युद्ध और संघर्षों पर ज्यादा ध्यान होता है, जबकि शांतिपूर्ण समय और सांस्कृतिक उपलब्धियों को कम बताया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों को संतुलित नजरिया देना है।
किताब के दूसरे अध्याय “Turning Tides: 11th and 12th Centuries” में मुहम्मद गौरी, कुतुब-उद-दीन एबक और बख्तियार खिलजी के अभियान भी विस्तार से शामिल किए गए हैं।
नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों के विध्वंस पर भी अब खास फोकस है। इसमें बड़े पैमाने पर भिक्षुओं की हत्या और लाइब्रेरी के जलने की घटनाओं का विवरण है। इतिहासकारों के अनुसार, यही बौद्ध धर्म के भारत में कमजोर होने की बड़ी वजह थी।
साथ ही अरब आक्रमण और सिंध के इतिहास को भी नए सेक्शन में जोड़ा गया है। मुहम्मद बिन कासिम के सिंध अभियान को 13वीं सदी के फारसी स्रोतों के आधार पर धार्मिक कर्तव्य के रूप में बताया गया है। किताब में ‘काफिर’ जैसे ऐतिहासिक शब्दों का भी संदर्भ समझाया गया है ताकि बच्चे गलतफहमी में न पड़ें।