Last Updated Sep - 01 - 2025, 01:02 PM | Source : Fela News
एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म, प्रतिभा सेतु, उन यूपीएससी अभ्यर्थियों को दूसरा मौका देता है जो चयन से थोड़ा सा चूक गए।
मन की बात के ताज़ा एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिभा सेतु नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। यह प्लेटफॉर्म उन यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए है जिन्होंने परीक्षा की सभी चरणों को पार कर लिया था लेकिन अंतिम मेरिट लिस्ट में थोड़े से अंतर से जगह नहीं बना पाए।
प्रधानमंत्री ने माना कि इन अभ्यर्थियों ने कितनी कठिन तैयारी की होती है—कई बार असफलता का सामना, समय और पैसों का दबाव—इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस पहल की शुरुआत की गई है, ताकि उनके लिए नए अवसर खुल सकें।
इस डाटाबैंक में पहले से ही 10,000 से अधिक प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों का विवरण शामिल है, जिससे उनकी मेहनत संभावित नियोक्ताओं तक पहुँच सके। घोषणा के मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म पर सरकारी संस्थान और निजी कंपनियाँ पंजीकरण कर इन अभ्यर्थियों की प्रतिभा का लाभ उठा सकती हैं।
प्रतिभा सेतु की सबसे बड़ी खासियत इसकी समावेशिता है। यह योजना केवल सिविल सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आईएफएस, इंजीनियरिंग सर्विसेज, सीएपीएफ, जियो-साइंटिस्ट, आर्थिक/सांख्यिकी सेवाएं और संयुक्त चिकित्सा सेवाओं जैसी अन्य परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूपीएससी से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के योग्य अभ्यर्थियों को वैकल्पिक करियर का रास्ता मिले।
यूपीएससी का मकसद साफ है—करीब-करीब सफल अभ्यर्थियों को नए अवसर देना। अब उन्हें बाहर करने की बजाय, उनकी क्षमताओं को वास्तविक मांग से जोड़कर न सिर्फ दोबारा तैयारी की लागत कम की जाएगी, बल्कि उनकी प्रतिभा का सार्थक उपयोग भी होगा।
यह सोच-समझकर उठाया गया कदम हमारी मेधा और सफलता की परिभाषा को बदल सकता है। यह उन अभ्यर्थियों के लिए उम्मीद लेकर आया है जो अंतिम सूची में जगह नहीं बना सके—लेकिन यह उम्मीद अब एक मजबूत कदम की तरह है, न कि बाद में सोची गई राहत।
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