Last Updated Aug - 13 - 2025, 02:55 PM | Source : Fela News
सीनियर सेकेंडरी के छात्र अब औपनिवेशिक दौर के क़ानूनों की जगह आए नए क़ानूनों, ऐतिहासिक फैसलों और भारत की न्याय प्रणाली को आकार देने वाले बदलते कानूनी सिद्धांतों
कक्षा 11 और 12 के लीगल स्टडीज़ सिलेबस में बड़े बदलाव करते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अब हाल के कानूनी सुधारों को शामिल करेगा। इनमें तीन तलाक की समाप्ति, देशद्रोह कानून का खात्मा, भारतीय न्याय संहिता (BNS) का लागू होना और धारा 377 (जिसके तहत समलैंगिकता को अपराध माना जाता था) का निरस्तीकरण शामिल है। यह जानकारी द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, CBSE की करिकुलम कमेटी ने इन बदलावों को मंजूरी दी और जून में गवर्निंग बॉडी ने इन्हें स्वीकृति प्रदान की। अब सीनियर सेकेंडरी के छात्र औपनिवेशिक दौर के क़ानूनों की जगह आए नए क़ानूनों, ऐतिहासिक फैसलों और भारत की न्याय प्रणाली को आकार देने वाले बदलते कानूनी सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे।
द इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक दस्तावेज़ों के हवाले से लिखा—"CBSE लीगल स्टडीज़ की किताबों को संशोधित और अपडेट करने का प्रस्ताव रखता है ताकि इनमें BNS, BNSS और BSA के प्रमुख प्रावधान, अहम कानूनी फैसले, हालिया कानूनी सिद्धांत, समाप्त या अप्रचलित कानून (जैसे—देशद्रोह, धारा 377, तीन तलाक) और NEP 2020 के अनुरूप आधुनिक व रोचक शिक्षण पद्धति शामिल की जा सके।"
यह अपडेट 2023-24 में लागू किए गए बड़े कानूनी सुधारों के बाद आया है, जब भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली। इन बदलावों के तहत देशद्रोह कानून हटाया गया, तीन तलाक को अपराध घोषित किया गया और 1861 में लागू औपनिवेशिक कानून धारा 377 को खत्म किया गया, जो "प्रकृति के विरुद्ध" माने जाने वाले यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखता था।