Last Updated Jun - 03 - 2025, 11:47 AM | Source : Fela News
ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा पानी रोकने की आशंका को खारिज करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इससे भारत को ही लाभ मिल सकता है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए इस सवाल—"अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो?"—को तथ्यों के साथ खारिज करते हुए इसे डर फैलाने वाला निराधार प्रचार बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रह्मपुत्र नदी की निर्भरता मुख्यतः भारत की मानसूनी वर्षा और सहायक नदियों पर है, न कि चीन पर।
सरमा ने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी का लगभग 30-35% जल प्रवाह चीन से आता है, जो मुख्यतः ग्लेशियरों के पिघलने और सीमित वर्षा से उत्पन्न होता है। भारत में प्रवेश करने के बाद, यह नदी अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मेघालय की भारी मानसूनी वर्षा और सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली, कृष्णाई, दिगारू और कुलसी जैसी सहायक नदियों से और अधिक जल प्राप्त करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि चीन जल प्रवाह को कम करता है, तो यह असम में हर साल आने वाली बाढ़ की तीव्रता को कम करने में मददगार हो सकता है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं और आजीविका नष्ट होती है।
पाकिस्तान द्वारा सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद चीन के माध्यम से भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों को सरमा ने भारत की संप्रभुता के खिलाफ बताया और कहा कि भारत के पास चीन के साथ जल प्रवाह और हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करने के लिए कूटनीतिक तंत्र मौजूद हैं।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री सरमा ने पाकिस्तान के दावे को तथ्यों के साथ खारिज करते हुए जनता को आश्वस्त किया कि भारत ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रबंधन के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है।