Last Updated Aug - 02 - 2025, 04:53 PM | Source : Fela News
17 साल तक फर्ज़ी आरोप झेलने के बाद एक फौजी को कोर्ट ने बरी कर दिया। बावजूद इसके, उसने सेना और देश के प्रति आभार जताते हुए सम्मानजनक शब्द कहे।
एक सेना अधिकारी को झूठे आरोपों में फँसाकर न केवल गिरफ्तार किया गया, बल्कि बिना दोष सिद्ध हुए उसे 10 साल तक जेल में भी रखा गया। पूरे 17 साल बाद न्यायपालिका ने उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया। लेकिन इस पूरे मामले में जो सबसे ज्यादा चौंकाता है, वो है उस अधिकारी की प्रतिक्रिया।
सामान्य तौर पर कोई भी इंसान इतने सालों की यातना, अपमान और अन्याय के बाद गुस्से और शिकायतों से भरा होता। लेकिन इस सच्चे सिपाही ने न किसी पर आरोप लगाया, न कोई शिकवा किया। उसने बस इतना कहा – "मैं अपने देश और अपनी सेना का शुक्रगुजार हूं।"
इस सेना अधिकारी को उसकी सेवा के दौरान ही फर्जी सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। हिरासत में उसे प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी और बिना सजा के वह एक दशक तक जेल में बंद रहा। इसके बावजूद, न तो उसके जज़्बे में कमी आई और न ही देशभक्ति में।
यह घटना सिर्फ एक न्यायिक गलती नहीं, बल्कि एक ऐसे सैनिक की कहानी है, जिसने अपने भीतर की ताकत, धैर्य और गरिमा से इंसानियत और वफादारी की मिसाल पेश की। यह कहानी बताती है कि असली सैनिक सिर्फ बंदूक नहीं उठाता, वो वक्त और अन्याय से भी बड़ी शांति और सम्मान से लड़ता है।